ममता सरकार को बड़ा झटका: शुभेंदु के करीबी को तुरंत रिहा करो, HC का आदेश

नई दिल्ली। कोलकता हाई कोर्ट ने ममता सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। सरकारी नौकरी घोटाले में गिरफ्तार हुए भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के करीबी सहयोगी राखल बेरा को कोर्ट ने तुरंत बरी करने के आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा हा कि उसपर आगे किसी तरह की कोई एफआईआर दर्ज न की जाए। और अगर ऐसा करना है तो पहले कोर्ट से परमिशन लेनी पड़ेगी।

नौकरी का झांसा देकर लोगों को ठगने का आरोप

वहीं पुलिस ने इस मामले पर जानकारी देते हुए कहा कि मणिकतला पुलिस स्टेशन में सुजीत डे नाम के व्यक्ति की शिकायत के आधार पर राखल बेरा को उनके आवास के बाहर से गिरफ्तार किया गया था। सुजीत डे ने बेरा और अन्य पर राज्य के सिंचाई और जलमार्ग विभाग में नौकरी का झांसा देकर लोगों को ठगने का आरोप लगाया था। पुलिस को दिए अपने बयान में, शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपी राखल बेरा ने जुलाई 2019 से सितंबर 2019 के बीच कोलकाता के मानिकटोला रोड पर साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के एक फ्लैट के अंदर एक शिविर का आयोजन किया। शिकायत में कहा गया है कि आरोपियों ने पश्चिम बंगाल सिंचाई और जलमार्ग विभाग के ग्रुप डी में नौकरी देने का झांसा देकर जनता से ‘भारी मात्रा में धन इकट्ठा’ किया। इन आरोपों के चलते ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था।

ममता सरकार के लिए बड़ा सेटबैक

शुभेंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष हैं और अकसर टीएमसी सरकार के निशाने पर रहते हैं। एक दौर में ममता बनर्जी के सिपहसालार रहे शुभेंदु ने नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और ममता बनर्जी को उनके सामने हार का सामना करना पड़ा था। कोर्ट का यह फैसला ममता सरकार के लिए एक बड़े सेटबैक के तौर पर देखा जा रहा है।

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