Business News: जब भारत या किसी राज्य में होता है ‘बंद’… तो रुक जाती है ज़िंदगी, थम जाती है अर्थव्यवस्था।
क्या आप जानते हैं – सिर्फ एक दिन की हड़ताल से देश को करोड़ों का नुकसान होता है? आइए जानते हैं कुछ चौंकाने वाले फैक्ट्स और सरकार पर इसके असर।
Business News: आम जनता पर असर:
“भारत बंद है… बाज़ार बंद हैं… दफ्तर खाली हैं… सड़कों पर सन्नाटा पसरा है।
लेकिन इस सन्नाटे की कीमत करोड़ों में चुकानी पड़ती है – सरकार को भी, और आम जनता को भी।”
आर्थिक नुकसान
भारत जैसे देश में, जहां रोज़ाना करीब 32 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होता है,
वहां सिर्फ एक दिन की ऑल इंडिया हड़ताल से देश को 10 से 15 हजार करोड़ रुपये तक का नुकसान हो सकता है।
ट्रांसपोर्ट बंद होने से FMCG से लेकर मेडिकल सप्लाई तक सब कुछ रुक जाता है।
रोज़ कमाने-खाने वाले मजदूरों की दिहाड़ी चली जाती है।
परीक्षाएं, मेडिकल अपॉइंटमेंट्स, ट्रेनों की टिकट – सब कुछ प्रभावित होता है।
जरूरी सेवाएं भी कई बार हड़ताल की चपेट में आ जाती हैं।
सरकार पर दबाव:
हड़ताल का सीधा असर सरकार की राजस्व वसूली पर पड़ता है।
अगर बैंक बंद होते हैं, तो एक दिन में 20,000 करोड़ से ज्यादा का लेन-देन रुक सकता है।
इन हड़तालों का राजनीतिक असर भी होता है – विपक्ष और सत्ताधारी दल आमने-सामने आ जाते हैं।
दिलचस्प तथ्य
भारत में साल 2023 में लगभग 68 बड़े राज्य स्तरीय या राष्ट्रीय बंद हुए।
एक अध्ययन के मुताबिक, बंगाल और केरल जैसे राज्यों में 10 साल में 250 से ज्यादा बंद हो चुके हैं।
हड़तालें कभी-कभी इतनी व्यापक होती हैं कि इंटरनेट शटडाउन तक करना पड़ता है।
“हड़तालें लोकतंत्र का हिस्सा हैं, लेकिन सवाल ये है –
क्या बंद का तरीका सही है?
क्या देश की अर्थव्यवस्था और आम जनता को इसका खामियाज़ा नहीं भुगतना पड़ता?
अब वक्त है कि विरोध के रास्ते को असरदार और जिम्मेदार बनाया जाए।”
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