इसी सप्ताह हो सकता है केन्द्रीय मंत्रिमण्डल का विस्तार

आज होने वाली बैठक हुई रद्द

आगामी चुनावों को लेकर क्षेत्रीय दलों से सामन्जस्य बनाने की कवायद जारी

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार वर्तमान सप्ताह में मंत्रिपरिषद का विस्तार करने के मूड में है। भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष स्तर पर इसकी कवायद भी जारी है। सूत्रों की माने तो, इस विस्तार में लगभग डेढ़ दर्जन नए मंत्रियों को शामिल किए जाने की संभावना है।

आज की बैठक हुई रद्द

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमण्डल विस्तार में अतिरिक्त प्रभार और ज्यादा मंत्रालय संभाल रहे कई मंत्रियों का बोझ भी कम किया जाने की भी सम्भावना है। खास बात यह है कि, फेरबदल में आगामी विधानसभा चुनाव वाले राज्यों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। लेकिन, इसी बीच, प्राप्त जानकारी अनुसार, पीएम मोदी के आवास पर बुलाई गई शीर्ष मंत्रियों की बैठक रद्द हो गई है। यह बैठक आज होनी थी।

इसी सप्ताह हो सकता है विस्तार

आज होने वाली बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ ही अन्य शीर्ष मंत्री शामिल होने वाले थे। अब यह बैठक किस दिन होगी, इसको लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है। सूत्रों की माने तो, 7 जुलाई या उसके बाद के दो-तीन दिनों के भीतर कभी भी मंत्रिपरिषद विस्तार का फैसला लिया जा सकता है।

क्षेत्रीय संतुलन को साधने की कवायद

मंत्रिमण्डल के विस्तार में सहयोगी दलों को शामिल कर एनडीए को मजबूत करने की कवायद की जाएगी। साथ ही, जदयू को भी इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाया जाएगा। इसके अलावा, अन्नाद्रमुक और अपना दल को भी मौका मिल सकता है। क्षेत्रीय संतुलन को साधने के लिए दूरदराज के राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किए जाने की संभावना है।

वर्तमान में मंत्रियों की यह है स्थिति

आपको बता दें कि, जब केन्द्र में मोदी सरकार बनी थी तो कुल 57 मंत्री बनाए गए थे। इनमें 24 कैबिनेट, 9 स्वतंत्र प्रभार और 24 राज्यमंत्री शामिल थे। हालांकि, इनमें से कई मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालय हैं। शिवसेना एवं अकाली दल के अलग होने और रामविलास पासवान के निधन के बाद कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 21 रह गई है। एक राज्यमंत्री का भी निधन हुआ। इस प्रकार अभी कुल 53 मंत्री ही हैं, जबकि संविधान के अनुसार मंत्रियों की संख्या 79 तक हो सकती है। बीते एक साल से करोना के चलते मंत्रिमंडल विस्तार की स्थितियां नहीं बन पाई थीं, लेकिन अब टीम को बढ़ाने की तैयारी है।

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