अमर भारती : कश्मीर घाटी में अब बदलाव नजर आने लगा है क्योकि वहां के युवा पत्थर या बंदूक की बजाय इंजीनियर, डॉक्टर, फार्मासिस्ट, आर्किटेक्चर या पीएचडी करके देश के विकास में अपना अहम योगदान देना चाहते हैं। इसी के चलते 6,352 छात्रों ने प्रधानमंत्री स्पेशल स्कॉलरशिप के तहत देश के शीर्ष कॉलेजों में दाखिला लिया है। मोदी सरकार की कोशिशों आखिरकार रंग लाने लगी है। इन छात्रों को सरकार की तरफ से कई तरह की सुविधाएं भी दी जा ही है।
बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने पिछले दो साल से घाटी के युवाओं को उच्च शिक्षा देने के लक्ष्य से जम्मू कश्मीर में विशेष अभियान चलाया हुआ है। स्कूलों को ऑनलाइन और सैटेलाइट कैंपस के माध्यम से गुणवत्ता युक्त पढ़ाई करवाई जा रही है। सीबीएसई बोर्ड और एनसीईआरटी के माध्यम से स्पेशल टीचर ट्रेनिंग भी दी गई है।
अलगाववादियों और आतंकवादियों ने जिन स्कूलों को तबाह किया था, उन्हें दोबारा से खोला किया गया है। स्कूलों में विशेष सुरक्षा भी दी गई है। सरकार का पूरा फोकस है कि स्कूली शिक्षा के दौरान छात्र पढ़ाई न छोड़ें।
गौरतलब है कि 12वीं कक्षा पास करने वाले छात्रों और उनके परिजनों को जागरूक किया गया। केंद्र सरकार की टीम राज्य समेत घाटी के दूरदराज के इलाकों और गांवों में घर-घर जाकर उच्च शिक्षा के माध्यम से छात्रों का भविष्य बनाने की बात रह रही है।