दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के ‘युद्ध, प्रदूषण के विरुद्ध’ अभियान के तहत ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ कदम की शुरुआत की है। इसके तहत उन्होंने गुरुवार को लोगों से यातायात सिग्नल (रेड लाइट) पर रुकने के दौरान वाहनों के इंजन बंद करने की अपील की है।
इस बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि दिल्ली में एक करोड़ पंजिकृत वाहन हैं। इनमें से अगर 10 लाख वाहन भी सिग्नल पर इंजन बंद कर देते हैं तो साल भर में 1.5 टन पीएम 10(प्रदूषक तत्व) कम हो जाएंगे। वहीं पीएम 2.5, 0.4 टन कम हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अक्सर यह देखा जाता है कि लाल बत्ती पर गाड़ी रुकने के बावजूद कई चालक इंजन को बंद नहीं करते हैं। ऐसे में हम गाड़ी रुकने के बाद भी वातावारण में प्रदूषण फैला रहे होते हैं। पिछले पांच वर्षों में दिल्लीवासियों ने प्रदूषण को 25 प्रतिशत कम कर दिया है। इस रेड लाइट अभियान में भी हमें साथ मिलकर काम करना होगा।
मालूम हो कि दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को हवा में कुछ सुधार देखा गया था लेकिन यह दूसरे दिन जारी नहीं रह सका और दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 पार गया। वहीं शाहदरा जिले के झिलमिल इलाके में सूचकांक 400 के पार चला गया। दिल्ली में हवा का यह स्तर खतरनाक है।
बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली-एनसीआर में आज से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू हो जाएगा। अगले आदेशों तक आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल-पेट्रोल जनरेटर पूरी सर्दी बंद रहेंगे। प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर दूसरी पाबंदियां भी लागू की जाएंगी।
उधर, नियमों को लागू करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) व दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) ने भी कमर कस ली है। औचक निरीक्षण के लिए 50 टीमें गठित करने के साथ सभी सिविक एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में नियमों को पालन सुनिश्चित करें।
बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण को लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि प्रदूषण का मसला किसी एजेंसी का नहीं है, सीधे लोगों की जिंदगी से जुड़ा है। सबको मिलकर प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लडनी पड़ेगी। कोई यह कह कर अपनी जिम्मेदरी से नहीं बच सकता कि यह दूसरे विभाग का काम है।