नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हरनंदी महानगर का ग्रेटर नोएडा वेस्ट के गौर इन्टरनेशनल स्कूल में 12 अक्टूबर 2021 से चल रहे 7 दिवसीय प्राथमिक शिक्षा वर्ग के समापन समारोह का सोमवार शाम आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षार्थी स्वयंसेवकों ने प्रदर्शन के दौरान मुख्य शिक्षक के एक आज्ञा पर नियुद्ध, दंड चलाने आदि के कला का अद्भुत का प्रदर्शन किया।
संघ के इस विशेष प्रशिक्षण में महानगर के अन्तर्गत आने वाले विभिन्न क्षेत्रों इन्दिरापुरम, खोड़ा, विजय नगर, राहुल विहार, सिद्धार्थ विहार, बहरामपुर, आदि सहित चिपियाना, गौर सीटी, क्रासिंग रिपब्लिक व ग्रेटर नोएडा वेस्ट के अन्य क्षेत्रों से लगभग 172 प्रतिभागी स्वयंसेवक शामिल हुए। जिसमें नौवीं कक्षा से स्नातक में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 154 थी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गाजियाबाद विभाग के प्रचारक रोहित शामिल रहे समारोह के मुख्य वक्ता
समापन समारोह के मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गाजियाबाद विभाग के प्रचारक रोहित शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सुसंपन्न, सुसंगठित एवं समरस समाज की कल्पना करता है। जब तक समाज पूर्ण रूप से तैयार नहीं होगा, तबतक कोई भी कार्य पूर्ण रूप से नहीं हो सकता है। अनादि काल से भारत की हिंदू सभ्यता, संस्कृति, समर्पण, सेवा भाव तथा बलिदान संस्कारों की अलग पहचान रही है। वर्तमान में युवाओं को संस्कार की शिक्षा देनी होगी। युवाओं को वट वृक्ष के रूप में तैयार करना ही संघ का मुख्य उद्देश्य है। आज देश में किसी भी प्रकार की संकट आती है तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक सभी भारतवासी एक हो जाते हैं। अभी वर्तमान में जो देश में नागरिकता कानून आई है, वह देश में नागरिकता देने की बात कह रही है। लेकिन अपने ही देशवासी अपने देश को जलाने में लगे हैं। देश में सबों का समान अधिकार है।आज समाज को जागृत करना होगा।
निःस्वार्थ भाव से कार्य करता है संघ
इस अवसर पर वक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूरे विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक संगठन है जो कि सदैव निःस्वार्थ भाव से सामाजिक एवं राष्ट्रीय कार्यों में अपनी भूमिका निभाता रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता गौर स्कूल के सीईओ आशीष ने की। इस अवसर पर मेरठ प्रान्त के सह-सम्पर्क प्रमुख वेदपाल, महानगर संघचालक प्रदीप, वर्ग कार्यवाह रणवीर, वर्ग पालक आशीष महानगर कार्यवाह हरीश, सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।