नई दिल्ली। भारतीय महिला हॉकी टीम ने टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक में यादगार प्रदर्शन करते हुए इतिहास रचा दिया है। टीम ने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पहली बार सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ही है। इस मैच की नायिका रहीं सविता पूनिया, जिन्होंने 9 बेहतरीन बचाव किए। अब सेमीफाइनल में भारत का सामना 4 अगस्त को अर्जेंटीना से होगा, जिसने जर्मनी को 3-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई है। भारतीय पुरुष टीम पहले ही सेमीफाइनल में अपनी जगह बना चुकी है। कप्तान रानी रामपाल की अगुवाई में भारतीय टीम ने 41 साल में पहली बार ओलंपिक खेलों के क्वार्टर फाइनल में अपना जगह बनाई थी।
ओडिशा की मुहिम रंग लाई
बता दें कि 2018 से ओडिशा सरकार प्रायोजक के तौर पर भारतीय हॉकी टीम के साथ जुड़ी है। उसने भारतीय हॉकी के गौरव को वापस लाने के लिए यह बीड़ा उठाया था औऱ टोक्यो ओलंपिक में मिली इस कामयाबी से यह पहल काफी हद तक सफल भी होती दिख रही है। हॉकी में ओडिशा का शुरु से ही काफी अहम योगदान रहा है। मौजूदा समय में पुरुष हॉकी टीम के उप कप्तान बीरेंद्र लाकड़ा और महिला टीम में दीप ग्रेस एक्का ओडिशा से ही हैं।
ओलंपिक मेडल जीतने का सपना अब दूर नहीं
ओडिशा एकमात्र ऐसा राज्य है, जो नेशनल टीम की आधिकारिक प्रायोजक है। ओडिशा ने हॉकी इंडिया फेडरेशन की साझेदारी के साथ भुवनेश्वर में कई बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट का आय़ोजन किया है। लगातार मिल रहे सहयोग ने भारतीय हॉकी टीम की जीत को सुनिश्र्चित किया है। पुरुष और महिला टीम दोनों ने अब तक ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया है। भारतीय हॉकी टीम अब ओलंपिक मेडल जीतने का सपना अब ज्यादा दूर नजर नहीं दिख रहा।
ओलंपिक्स में भारत का शानदार प्रदर्शन
रविवार को भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराकर 49 साल बाद ओलंपिक खेलों के सेमीफाइनल का टिकट कटाया। टीम की ओर से से दिलप्रीत सिंह ने 7वें, गुरजंत सिंह ने 16वें और हार्दिक सिंह ने 57वें मिनट में गोल किया। वहीं, बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने इतिहास रचते हुए लगातार दूसरे ओलंपिक में मेडल अपने नाम किया। सिंधु ने चीन की ही बिंग जियाओ को सीधे गेम में 21-13, 21-15 से मात देकर ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया।