
नई दिल्ली। संसद परिसर स्थित संविधान सदन में आज आयोजित संविधान दिवस समारोह में लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने राष्ट्र से संविधानिक मूल्यों को जीवन और व्यवहार में उतारने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह विकसित भारत की दिशा में पहला और अनिवार्य कदम है। लोकसभा अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि प्रस्तावना का ‘हम भारत के लोग’ केवल शब्द नहीं बल्कि भारत की एकता, सामूहिक शक्ति और जन-कल्याण की सबसे सशक्त अभिव्यक्ति है।

श्री बिरला ने कहा कि संविधान द्वारा सुनिश्चित न्याय, समान अवसर और मानवीय गरिमा भारत के लोकतांत्रिक चरित्र की सबसे मजबूत नींव हैं। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि देश के विकास और सुशासन की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी कर संविधान के आदर्शों को मजबूती दें।

कार्यक्रम में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष की गरिमामयी उपस्थिति रही। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने मुख्य संबोधन दिया जबकि लोकसभा अध्यक्ष ने स्वागत भाषण दिया।

इस अवसर पर भारत का संविधान डिजिटल माध्यम में 9 भाषाओं—मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगू, उड़िया और असमिया—में रिलीज किया गया, जिसका उद्देश्य संविधान तक आसान और व्यापक पहुंच सुनिश्चित करना है। समारोह में भारत के संविधान से प्रेरित कला और कैलीग्राफी बुकलेट का भी अनावरण किया गया, जिससे नागरिकों में संविधान की सुंदरता और मूल्यों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने का प्रयास किया गया।