मुसलमान और ईसाई धर्म के लोगों की नागरिकता ख़त्म करने की भी की अपील
नई दिल्ली। भारत में धर्मनिरपेक्षता की नींव हिलाने की कोशिशों में हर दिन कोई कसर छूटती नहीं दिखती है। पिछले कुछ समय से भारत को हिंदू राष्ट्र बनाए जाने जैसी मांगें और तेज़ हो चली है। इसी कड़ी में हाल ही में अयोध्या में तपस्वी छावनी के जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज ने केंद्र सरकार से विवादास्पद मांग उठाते हुए कहा कि 2 अक्टूबर तक भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए, वरना सरयू नदी में जल समाधि ले लूंगा। जगद्गुरू परमहंस की इस मांग पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आने लगी है। साथ ही जगद्गुरू ने केंद्र सरकार से अपील की कि देश में रह रहे मुसलमान और ईसाईयों की नागरिकता भी ख़त्म की जाए।
वीडियो जारी कर दिया बयान
जगद्गुरू परमहंस आचार्य महाराज एक वीडियो में इस विवादास्पद मांग कहते हुए दिख रहे है। जगद्गुरू कहते है कि- ‘मेरी यह मांग है कि भारत को 2 अक्टूबर तक हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए, वरना मैं सरयू नदी में जल समाधि ले लूंगा। उन्होंने कहा कि केंद्र को मुस्लिम और क्रिश्चन समुदाय के लोगों की नागरिकता भी खत्म करनी चाहिए।’
सबको साथ लेकर चलता है हिंदुत्व : भागवत
इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को सूरत में कहा कि हिंदुत्व एक वैचारिक व्यवस्था है जो सबको साथ लेकर चलती है और सबको साथ लाती है। भागवत सूरत शहर की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान 150 चुनिंदा आमंत्रितों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व वह है जो सबको साथ लेकर चलता है, सबको साथ लाता है, सबको अपने भीतर जोड़ता है, और सबको समृद्ध बनाता है।