पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर असर कम रहेगा

नई दिल्ली। बीते शुक्रवार को वित्त मंत्रालय ने अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा कि कोविड- 19 की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर असर कम ही रहेगा। हालांकि रिपोर्ट में इस बात को स्वीकार किया है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट का जोखिम पैदा हुआ है।

अर्थव्यवस्था के मजबूत बने रहने की उम्मीद

रिपोर्ट में कहा गया, ”पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर के अर्थवव्यस्था पर कम असर होने के कुछ कारण है। अंतरराष्ट्रीय अनुभवों के साथ महामारी के साथ ‘परिचालन की सीख से दूसरी लहर के बीच अर्थव्यवस्था के मजबूत बने रहने की उम्मीद है।”

आर्थिक हालत में सुधार का संकेत

वित्त मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के दूसरे चरण में आर्थिक गतिविधियों में सुधार से केंद्र सरकार की राजकोषीय स्थिति बेहतर हुई है। वर्ष 2020-21 के दौरान शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह संशोधित अनुमान की तुलना में 4.5 प्रतिशत और 2019-20 की तुलना में पांच प्रतिशत ऊंचा रहा। यह कोरोना संक्रमण की पहली लहर के बाद से आर्थिक हालत में सुधार का संकेत देता है।

डिजिटल भुगतान में भी लगातार वृद्धि

वित्त मंत्रालय ने रिपोर्ट में कहा कि अप्रैल में डिजिटल भुगतान में भी लगातार वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष के मुकाबले पैसों का लेनदेन डिजिटल भुगतान के जरिये लगभग दुगना हुआ है। वही उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 5.52 प्रतिशत पर पहुंच गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं का महंगा होना है।

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