नई दिल्ली। परिसीमन आयोग की टीम 4 दिन के दौरे पर मंगलवार को जम्मू पहुंच रही है। टीम के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा भी मौजूद रहेंगे। आयोग 9 जुलाई तक यहां रहेगा।
परिसीमन आयोग 8 जुलाई को जम्मू में राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल से मिलेगा। वो परिसीमन को लेकर उनके सुझाव और आपत्तियां जानेगा। बैठक में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को छोड़कर लगभग सभी पार्टी के नेताओं ने शामिल होने की जानकारी दी है।
PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि वे तब तक कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी, जब तक कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा देने वाली आर्टिकल 370 को फिर से बहाल नहीं कर दिया जाता. वहीँ PDP नेता फिरदौस अहमद टाक ने भी बैठक में शामिल होने को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
24 जून को PM ने जम्मू में की थी बैठक
24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र शासित प्रदेश के 14 बड़े नेताओं के साथ दिल्ली में बैठक की थी। तब मोदी ने साफ तौर पर कहा था कि दिल्ली से दिल की दूरी कम करनी है। बैठक में शामिल कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत सभी दलों के नेताओं ने बातचीत को बेहतर बताया था। हालांकि, बैठक से बाहर आने के बाद PDP की नेता महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल 370 फिर से बहाल करने की अपनी मांग पर अड़ी हुई दिखीं।
बढ़ेंगी 7 सीटें
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के अनुसार, जम्मू और कश्मीर विधानसभा में 7 सीटों की वृद्धि की जाएगी। परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की सीटें 83 से बढ़कर 90 हो जाएंगी। लद्दाख की चार सीटों को शामिल नहीं किया जाएगा, क्योंकि इसे अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है।
परिसीमन पूरा करने का लक्ष्य
सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय परिसीमन आयोग को फरवरी 2020 में नियुक्त किया गया था। आयोग को पिछले साल जम्मू और कश्मीर और चार पूर्वोत्तर राज्यों- असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के चुनावी क्षेत्रों के परिसीमन का जिम्मा सौंपा गया था।
आयोग केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगा। उसके बाद ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने का निर्णय लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि 5 मार्च 2022 से पहले जम्मू-कश्मीर में परिसीमन का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद राज्य में चुनाव होने के आसार हैं।