कोरोना की तीसरी लहर आशंका के बावजूद दिल्ली मेट्रो में नहीं हो रहा कोविड नियमों का पालन

Glitches on the rise as Delhi Metro shows signs of ageing | Latest News  Delhi - Hindustan Times

नई दिल्ली। आज के समय में लोगों का सफर मेट्रो ने काफी आसान बना दिया है। साथ ही मेट्रो में सफर करना दिल्ली वासी काफी पसंद करते है क्योंकि मेट्रो अब लोगों के घरों के पास से लेकर उनके ऑफिस और कॉलेज तक चल रही है। जिससे ये सफर काफी आसान और आरामदायक है। मेट्रो में सफर करने से लोगों को सड़क पर चल रहे ट्रैफिक, भीड़ भाड़ और जाम का शिकार नहीं होना पड़ता कम समय में लोग अपने ऑफिस आराम से पहुंच जाते हैं जिससे उनका काफी समय भी बचता है।

कोरोना के बावजूद सभी सीट्स पर बैठने की अनुमति

कोरोना काल के चलते लोगों को सफर के दौरान सामाजिक दूरी का पालन करना अनिवार्य है पर दिल्ली मेट्रो रेल टर्मिनल ने सरकार से इजाजत मांगते हुए कुछ समय पहले ही मेट्रोरेल में सभी लोगों को सभी सीट्स पर बैठने की इजाजत दे दी थी। हालांकि मेट्रो में खड़े होकर सफर करने की इजाजत अभी भी नहीं है। विचार करने का विषय यह है कि सरकार के बार-बार बोले जाने के बाद भी मेट्रो में सफर कर रहे लोग सामाजिक दूरी और उनके नियमों का पालन नहीं कर रहे। आपको बता दें मेट्रो में सफर कर रहे लोग खड़े होकर भी सफर कर रहे हैं जो कि मेट्रो नियमों के खिलाफ है। इसपर लोगों को जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। हालांकि दिल्ली मेट्रो ने सभी सीटों पर बैठने की अनुमति दे दी है जो कि कोरोना काल के चलते 1 सीट छोड़कर एक सीट पर बैठने की लोगों को अनुमति थी। सरकार और बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स कोरोना की तीसरी लहर का दावा कर रहे हैं, तो ऐसे में सामाजिक दूरी बनाना और अपनी और अपनों की सुरक्षा को का ध्यान रखना भी हमारी जिम्मेदारी है पर अफसोस नियमों का पालन मेट्रो में यात्रा कर रहे किसी भी व्यक्ति के द्वारा नहीं किया जा रहा है।

इंटरचेंज करने में भारी मात्रा में लोगों की भीड़

जैसे ही मेट्रो में इंटरचेंज करने के लिए लोग उतरते हैं तो काफी भारी तादाद में लोगों की भीड़ लग रहती है। यहां तक की लोगों को चलने तक की जगह नहीं मिलती। मेट्रो में सफर कर रहे यात्रि ज्यादातर शाहदरा से वेलकम – मौजपुर से वेलकम के दौरान करते हैं जो कि उनकी यात्राओं को काफी तरीकों से आसान बनाता है साथ ही कॉलेज और ऑफिस जाने के लिए भी यही रास्तों को सबसे ज्यादा आसान माना जाता है जिसमें सबसे ज्यादा मात्रा में लोग इंटरचेंज करते हैं। इसी के तहत मेट्रो में एक्सकेलेटर से लेकर सीढ़ियों तक और इंटरचेंज करने वाली जगह तक पैर रखने तक की जगह नहीं होती। यात्रियों को एक दूसरे से चिपक-चिपक कर अपना रास्ता बनाना पड़ता है। मौजपुर और वेलकम के अलावा इंटरचेंज के लिए राजीव चौक पर लोगों की भीड़ रहती है। जहां चलने तक की भी जगह नहीं मिल पाती। वास्तव में यह सफल लोगों के लिए मुश्किलों के सफर के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी मुश्किलों का सफर बनता जा रहा है।

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