डॉक्टर बने गुंडे : कोविड मरीज से हटाया ऑक्सीजन, हुई मौत, फिर परिजनों से हाथापाई

मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने की मारपीट, पुलिस जांच में जुटी

नई दिल्ली। कांग्रेस शासित प्रदेश राजस्थान में कोरोना पीड़ित मरीज की अस्पताल में इलाज दौरान हुई मौत के बाद परिजनों और चिकित्सकों के बीच मारपीट का मामला प्रकाश में आया है। परिजनों ने डॉक्टरों द्वारा मरीज से वेंटिलेटर और ऑक्सीजन हटा देने का भी आरोप लगाया है।

डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

प्राप्त जानकारी के अनुसार, झालावाड़ में एक कोरोना मरीज की मौत के बाद मरीज के परिवार वालों और रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच जमकर हाथापाई हुई। पुलिस आरोपों की जांच में जुटी है। झालावाड़ के रहने वाले प्रताप सिंह को कोरोना हुआ था। वह अस्पताल में भर्ती थे। परिजनों का कहना है कि, डॉक्टरों की लापरवाही के चलते उनके मरीज की मौत हो गई। प्रताप सिंह की मृत्यु के बाद उनके परिजनों और अस्पताल के डॉक्टरों के बीच काफी हाथापाई हुई। ये पूरा मामला बीती रात 7 बजे से लेकर करीब 10 बजे तक चलता रहा।

हटा दिया गया था ऑक्सीजन और वेंटिलेटर सपोर्ट

पेशे से शिक्षक, प्रताप सिंह कोविड संक्रमण की चपेट में आने पर 25 मई को एसआरजी अस्पताल मेडिकल कॉलेज के कोविड आईसीयू में भर्ती कराये गए। परिजनों के अनुसार, प्रताप के फेफड़ों में संक्रमण था, लेकिन, उनकी हालत में सुधार हो रहा था। आरोप है कि 11 जून को अस्पताल में डॉक्टरों ने वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट से प्रताप को हटा दिया जिसके कारण उनकी स्थिति बिगड़ गई।

डॉक्टरों ने मारपीट के लिए बुलाये लड़के

प्रताप सिंह के बेटे धर्मवीर सिंह ने कहा कि, डॉक्टरों ने उनके पिता का वेंटिलेटर और ऑक्सीजन हटा दिया। विरोध किया गया तो फिर से वेंटिलेटर पर लेने का प्रयास किया, लेकिन प्रताप सिंह की स्थिति बिगड़ी और उन्होंने दम तोड़ दिया। धर्मवीर कहते हैं, ‘डॉक्टरों ने इलाज से इंकार कर दिया। मारपीट के लिए मेडिकल कॉलेज से लड़के बुला लिए। मेरे पिता की मौत के लिए अस्पताल के लोग जिम्मेदार हैं। वे हम पर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन हमने कुछ नहीं किया। हमारे पिता तो अस्पताल में भर्ती थे, हम कैसे डॉक्टरों के साथ अभद्रता करेंगे।’

अधीक्षक बोले, नहीं बरती लापरवाही

पुलिस-प्रशासन के दखल के बाद स्थिति सुधरी। हालात की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल में पुलिस बल की तैनाती की गई है। इस पूरे मामले में अस्पताल अधीक्षक संजय पोरवाल ने कहा कि, अस्पताल की ओर से कोई लापरवाही नहीं हुई है, लेकिन फिर भी मामले की जांच की जाएगी। झालावाड़ पुलिस के इंस्पेक्टर बलबीर सिंह ने कहा कि, झगड़े की सूचना पर हम यहां पहुंचे थे। हालात को संभाल लिया गया है। दोनों ओर से जो शिकायत दर्ज कराई जाएगी उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

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