कैबिनेट से बाहर करने की वजह कोरोना या कुछ और?
नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर जब पीक पर थी और देशभर में हालात नाजुक थे। तब डॉ हर्षवर्धन पर कमजोर मैनेजमेंट के आरोप लगे थे। ऐसा दूसरी बार हुआ है जब हेल्थ मिनिस्टर हर्षवर्धन पर गाज गिरी है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हेल्थ मिनिस्टर के पद से इस्तीफा ले लिया गया है। अभी कुछ साफ नही है, लेकिन कहा जा रहा है कि उन्हें किसी और विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
प्रधानमंत्री भी नाखुश थे
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने देश में जिस तरह भूचाल मचाया था, उस दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन की कमी को लेकर जो हाहाकार देशभर में मचा था। ऐसे में डॉ हर्षवर्धन की सक्रियता को लेकर सवाल उठे थे। यही नहीं कहा जा रहा है कि खुद पीएम नरेंद्र मोदी भी उनकी सक्रियता को लेकर बहुत ज्यादा खुश नहीं थे।
अभी कुछ स्पष्ट नही
आपको बता दें कि 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी की पहली सरकार बनी थी जब भी डॉ. हर्षवर्धन ही हेल्थ मिनिस्टर थे, लेकिन बीच में ही उन्हें हटाकर जेपी नड्डा को यह जिम्मा दिया गया था। यह दूसरा मौका है, जब उन्हें इस तरह हेल्थ मिनिस्टर के पद से हटाया गया है। वह साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर भी थे, लेकिन इस पद पर वह कार्यरत रहेंगे। सूत्रों के अनुसार कुल 14 मंत्रियों को कैबिनेट से हटाया जा रहा है। अभी यह साफ नहीं किया गया है कि हर्षवर्धन कैबिनेट में बने रहेंगे या फिर वह बाहर ही रहेंगे।
हर्षवर्धन समेत ये बड़े चेहरे बाहर
हर्षवर्धन के अलावा पीएम नरेंद्र मोदी ने जिन बड़े चेहरों से इस्तीफे लिए हैं, उनमें श्रम मंत्री संतोष गंगवार भी शामिल हैं। इसके अलावा कर्नाटक के पूर्व सीएम सदानंद गौड़ा का भी इस्तीफा लिया गया है। यही नहीं रतन लाल कटारिया, देबोश्री चौधरी समेत कुल 9 नेताओं से अब तक मंत्री पद से इस्तीफा ले लिया गया है। आपको बता दें कि अभी यह लिस्ट अभी कुछ और लंबी भी हो सकती है।