अमर भारती : दिल्ली सरकार से अभी तक दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों को दो महीने से अनुदान नहीं मिला है। इस वजह से कॉलेजों को शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन नहीं दे पा रहे है। दो माह तो किसी तरह सरप्लस पड़ी धनराशि से काम चल गया, लेकिन अब शुक्रवार को इन कॉलेजों के शिक्षक दिल्ली सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली सरकार की ओर से 28 कॉलेजों में से 12 को 100 फीसदी और 16 को पांच फीसदी अनुदान दिया जाता है। हर साल करीब 350 करोड़ रुपये का फंड दिया जाता है। लेकिन कॉलेजों में प्रबंध समिति नहीं बनने के कारण फंड मिल ही नहीं पाता है।
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष आलोक रंजन पांडेय का कहना है कि कॉलेजों का फंड रोकने का प्रयास करना चिंताजनक है। वेतन किसी भी शिक्षक व कर्मचारी का अधिकार है। विश्वविद्यालय प्रशासन और सरकार की आपसी खींचतान में शिक्षकों का कोई योगदान नहीं है। इसलिए इनका वेतन नहीं रोका जाना चाहिए।
आगामी अक्तूबर महीने में सभी त्योहार पड़ रहे हैं। यदि शिक्षक-कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला तो उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। शिक्षक संगठन एएडी के चेयरपर्सन डॉ आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि सरकार तत्काल प्रभाव से इन कॉलेजों को ग्रांट जारी करे। आगे भी ऐसा न कभी हो पाए इस बात का ध्यान रखे। उन्होंने बताया कि शिक्षक 27 सितंबर को दिल्ली सचिवालय के बाहर प्रदर्शन करने जा रहे हैं।