अमर भारती : दिल्ली के किसानों को सरकार की ओर से दी गई कृषि योग्य भूमि का मालिकाना हक अब मिल सकता है। इस फैसले के बाद करीब 7200 किसान परिवारों को फायदा पहुंच सकता है। साल 1975-76 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने दिल्ली के 360 गांवों के 12500 भूमिहीन किसानों को बुआई के लिए एक एकड़ तक जमीनें आवंटित की थीं। उन्हें इनका मालिकाना हक अब तक नहीं मिला था।
दिल्ली के सामाजिक न्याय मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने बताया कि किसानों को आसामी और किरायेदार का दर्जा दिया गया था। राजस्व विभाग को आवेदन की औपचारिकता पूरी करने में जिन्हें सफलता मिली, उन्हें स्वामित्व मिल गया।
बता दें कि आर्थिक तौर पर कमजोर 7200 से अधिक किसान परिवारों को अभी इसका हक नहीं मिला है। मालिकाना हक मिलने के बाद इन जमीनों का अधिग्रहण होता है तो किसानों को मुआवजा मिलेगा।
गौरतलब है कि 20 सूत्री कार्यक्रम के तहत दिल्ली के अलावा बाकी के सभी राज्यों में भूमि के स्वामित्व का अधिकार दिया जा चुका है। मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक के बाद इन परिवारों को राहत देने के लिए जिलाधिकारियों, राजस्व विभाग और अन्य विभागों के अधिकारियों को संबंधित परिवारों से मुलाकात कर मामले जल्द से जल्द निपटाने का निर्देश दिया गया है।