दशकों बाद तालिबानी राज़ लौटने के बाद अफ़्ग़ानिस्तान में बदलती तस्वीरें
नई दिल्ली। भारत से कई किमी दूर अफ़ग़ानिस्तान कहलाए जाने वाले मुस्लिम बहुल देश में बीते रविवार, 15 अगस्त को तालिबान लड़ाकों ने कब्जा कर लिया। अफ़ग़ानिस्तान के लोग दुनिया से शांति की गुहार लगाते लगाते तालिबानियों के कब्जे में आ गए। बताना होगा कि देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह अपने सहयोगियों के साथ, नागरिकों को उनके हाल पर छोड़ देश छोड़कर चले गए। जिसके बाद वहां तालिबान के नेतृत्व में आंतरिम सरकार बनाने का कदम उठाया गया। लेकिन इन सभी चीज़ों से इतर ज़्यादा दयनीय स्थिति वहां के लोगों के नागरिकों के लिए हैं। जो अपने टूट रहे सपनों को संजोए एक देश से दूसरे देश के दरवाज़े पर भटक रहे हैं। इतना ही नहीं वहां कि सरकार बदलने के साथ अफ़्ग़ानिस्तान के लोगों की ज़िंदगी भी बदली जिससे उस देश की तस्वीरें भी बदली। जिसके बाद हम तस्वीरों के जरिए उस देश की मौजूदा स्थिति में झांकेंगे कि किस तरह से उस मुल्क की तस्वीरें बदल गई।
राष्ट्रपति भवन की तस्वीरें
एक तस्वीर में देखा जा सकता है कि जिस जगह पर कभी राष्ट्रपति अशरफ गनी बैठा करते थे, आज वह जगह और तस्वीर तालिबानियों से भर गई हैं। इसी के साथ जिस संवैधानिक भवन की मेज़ पर कभी अफ़्ग़ानिस्तान का झंडा रहा करता था। अब उस मेज़ को काले झंडे को मानने वाले तालिबानियों ने घेर लिया हैं।
देश छोड़ने को बेताब नागरिक
एक और तस्वीर सामने आई है। तस्वीर अमरीका वायुसेना के ट्रांस्पोर्ट जहाज C-17 Globemaster III के अंदर की है। जिसमें लोग जहाज के फर्श पर बैठ ठसा ठस भरे हुए। जानकारी के मुताबिक इस तस्वीर में करीब 650 लोग कैद हैं। इस तस्वीर से देश में चल रहे हालातों का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि किस तरह से लोग अपने देश अफ़्ग़ानिस्तान को छोड़ कर जाने को बेताब हैं।
सीएनएन की रिपोर्टर की तस्वीर
एक और तस्वीर चर्चा का केंद्र बनी हुई है जिसमें साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से एक अमेरिकी न्यूज़ चैनल सीएनएन की पत्रकार क्लारिसा वार्ड अफ़्ग़ानिस्तान में रिपोर्टिंग के दौरान हिजाब में नज़र आई। जिसपर कई लोगों ने ट्विटर पर लिखा कि- ‘तालिबान द्वारा काबुल के पतन से पहले और बाद में सीएनएन रिपोर्टर क्लारिसा वार्ड।’