22 अगस्त, रक्षाबंधन का जाने शुभ मुहूर्त

नई दिल्ली। भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्यौहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस बार रविवार 22 अगस्त को श्रावण मास की पूर्णिमा है। इसी दिन रक्षाबंधन मनाया जाता है। बता दें कि 22 अगस्त को प्रात: कालीन शोभन, मातंग और सर्वार्थ सिद्धि योग होने से श्रावण नक्षत्र युक्त पूर्णिमा का यह पर्व एक बहुत ही शुभ योग बन गया है।

रक्षाबंधन के शुभ योग

ज्योतिषार्चजी ने बताया कि 22 अगस्त को प्रात: 6.16 बजे तक भद्रा की उपस्थिति है। इस कारण प्रात: 6.16 बजे तक रक्षा सूत्र नहीं बांध सकेंगे। 22 अगस्त को रक्षा बंधन सुबह 6 बज कर 16 मिनट से शुरू होकर शाम 5 बज कर 31 मिनट तक है। रक्षा बंधन के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 42 मिनट दोपहर से शाम 4 बज कर 18 मिनट तक है। इस बीच विधि-विधान के साथ बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांध उनकी लंबी आयु की कामना करेंगी। इसके साथ ही भाई भी बहन की रक्षा करने का वादा करेंगे।

रक्षाबंधन से जुड़ी कई कहानियां

रक्षाबंधन से जुड़ी कई कथाएं है। उनमें से एक कथा विष्णु भगवान के वामन अवतार और राजा बली की है। इस कथा में बताया गया है कि इस अवतार में भगवान विष्णु राजा बली की कर्तव्यपरायणता से खुश होकर अपनी मर्जी से उनके द्वारपाल बनकर पाताल लोक चले जाते हैं। तब मां लक्ष्मी राजा बली को श्रावण पूर्णिमा को भाई के रूप में रक्षा सूत्र बांधती हैं और अपने पति विष्णु को वापस लेकर आ जाती हैं। रक्षाबंधन से जुड़ी दूसरी कथा शिशुपाल की है। शिशुपाल का वध करते समय कृष्ण की तर्जनी में चोट आ गई। तो द्रौपदी ने रक्त रोकने के लिए अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दी थी। यह भी श्रावण मास की पूर्णिमा थी। तब से श्रावण मास की पूर्णिमा को यह दिन रक्षाबंधन के नाम से मनाया जाता है।

कैसे मनाये राखी

पूजा में इस दिन भाई को पूर्व मुख करके बैठाएं तथा खुद पश्चिम की ओर मुख कर, जल शुद्धि करके भाई को रोली और अक्षत का तिलक लगा कर इस मंत्र का उच्चारण करते हुए रक्षा सूत्र बांधे “येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वां प्रतिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल:।“ उसके बाद भाई की आरती उतार कर मिठाई खिलाएं। यह त्योहार भाई-बहन के प्रेम का त्योहार होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *