अमर भारती : दिल्ली के लोगों की प्यास बुझाने के लिए सरकार ने यमुना किनारे जल संचय योजना की शुरुआत की। इस मौके पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त रूप से दिल्ली सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को हरी झंडी दिखाई। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यमुना पुश्ता स्थित सांगरपुर में परियोजना की शुरुआत हुई।
बता दें कि योजना के तहत नदी के बाढ़ क्षेत्र में एक से डेढ़ मीटर गहरे गड्ढे बनाए जाने हैं। इसमें बाढ़ का जो पानी जमा किया जाएगा उससे भूजल स्तर बेहतर होगा। साथ ही गरमी के दिनों में इसका इस्तेमाल पेयजल के तौर पर होगा।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस पानी बचाने का यह अभिनव प्रयोग बताया है। आने वाले समय में जल संचय का दिल्ली मॉडल देश में ही नहीं, पूरी दुनिया में मिशाल बनेगा। शेखावत ने कहा कि दुनिया के कई देश हैं, जहां अपने देश से कम बारिश होती है। फिर भी वहां पानी की बूंद-बूंद सहेजी जाती है।
इससे सबक लेते हुए भारत में भी बारिश के पानी का ज्यादा से ज्यादा बचाने की कोशिश करनी चाहिए। तकनीकी का उपयोग करते हुए पानी का अपव्यय रोकना है। इससे देश जल के मामले में आत्मनिर्भर होगा। किसी सरकार की तरफ से इतने बड़े स्तर पर किया जाने वाला अपनी तरह का यह पहला प्रयोग है।