नई दिल्ली। गुजरात सरकार ने चक्रवाती तूफान ताउते से प्रभावित मछुआरों को 105 करोड़ रुपये का मुआवजा दिए जाने का बड़ा ऐलान किया है। ऐसी घोषणा गुजरात के इतिहास में पहली बार की गई है, जब सरकार ने किसी तूफान से नुकसान होने पर मछुआरों और बंदरगाहों को मुआवजा दिया है।
गुजरात में पहली बार ऐसा ऐलान
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में कोर कमेटी की बैठक में राज्य में हाल ही में आए ताउते तूफान से हुए व्यापक नुकसान से तटीय नाविकों और मछुआरों को पुनर्वासित करने का निर्णय लिया गया है। बैठक में राहत पैकेज की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री रूपाणी ने कहा कि, राज्य के इतिहास में पहली बार सरकार ने मछुआरे को ताउते तूफान से हुए भारी नुकसान की भरपाई करने के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ 105 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है।
ये इलाके हुए सबसे ज्यादा प्रभावित
मुख्यमंत्री ने कहा कि, गुजरात के बंदरगाह, विशेषकर सौराष्ट्र के तटीय इलाकों-जाफराबाद, राजुला, सैयदराजपारा, शियालबेट, नवाबंदर सहित कई बंदरगाह तूफान में प्रभावित हुए। इसके अलावा मछली पकड़ने वाली नावें, बड़े ट्रॉलर और मछली पकड़ने के बंदरगाह की ढांचागत व्यवस्थाओं को काफी नुकसान हुआ है।
मछुआरों की आजीविका के साधन बर्बाद
मुख्यमंत्री ने कहा कि, गुजरात में पोरबंदर से उमरगाम तक के तटीय क्षेत्र में, जिसकी सबसे लंबी तटरेखा 1600 किलोमीटर है, कई सागरखेड़ू परिवार छोटे और बड़े मछली पकड़ने वाले बंदरगाहों से मछली और झींगा उत्पादों पर निर्वाह कर रहे हैं। विनाशकारी ताउते तूफान ने मछली पकड़ने वाली नौकाओं, फाइबर नौकाओं और ऐसे नाविकों के ट्रॉलरों का भारी नुकसान पहुंचाया है।
बंदरगाहों का दौरा कर लिया जायजा
मुख्यमंत्री ने कहा कि, मत्स्य पालन के लिए राहत पैकेज की घोषणा करने से पहले मत्स्य पालन और बंदरगाह राज्य मंत्री जवाहर भाई चावड़ा और सचिव नलिन उपाध्याय सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने अमरेली, भावनगर और गिर-सोमनाथ के प्रभावित जिलों के बंदरगाहों का दौरा किया था। स्थानीय मछुआरों की शिकायत के बाद ट्रेलरों और घाट बंदरगाहों का सर्वे किया।
सीएम ने नाविकों को ये राशि देने का किया वादा
मुख्यमंत्री रूपाणी ने पैकेज में नाविकों-मछुआरों की नावों, ट्रॉलरों, मछली पकड़ने के जाल आदि को नुकसान के लिए 25 करोड़ रुपये के साथ-साथ मछली पकड़ने के बंदरगाह के बुनियादी ढांचे को नुकसान की मरम्मत के लिए 80 करोड़ रुपये सहित 105 करोड़ देने का ऐलान किया है। दो हजार से ऊपर की सहायता राशि का भुगतान सीधे उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से किया जाएगा।