नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत को जल्द ही एक और हथियार मिल सकता है। टीकाकरण अभियान को बढ़ावा देने के लिए भारत बाहर से वैक्सीन खरीदने के लिए बातचीत शुरू कर दिया है। देश में सबसे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद बीच-बीच में वैक्सीन की कमी भी देखने को मिलती रही है।
टीके के उपयोग की अनुमति नहीं मांगी
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक वॉल स्ट्रीट जर्नल ने आज इस मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए बताया कि भारत फाइजर इंक और जर्मन पार्टनर बायोएनटेक एसई की कोविड-19 वैक्सीन की 50 मिलियन 5 करोड़ खुराक खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। हालांकि, वैक्सीन खरीदने को लेकर चल रही बातचीत का फाइजर और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। वहीं, वैक्सीन प्रोडक्शन कंपनी ने अभी तक भारत में अपने टीके के उपयोग की अनुमति नहीं मांगी।
इस महीने वैक्सीन निर्माण का भी शुरू होगा काम
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जॉनसन एंड जॉनसन के साथ बातचीत एडवांस स्टेज में है। जिसका भारत में बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के साथ एक सौदा हो रहा है। कंपनी को जॉनसन एंड जॉनसन की ओर से करीब 600 मिलियन खुराक का प्रोडक्शन करना है। उम्मीद है कि इस महीने के आखिरी में वैक्सीन निर्माण का काम भी शुरू हो जाएगा।
मॉडर्ना को मिली मंजूरी
बता दें कि पिछले हफ्ते जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल खुराक वाली वैक्सीन को भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। एक दिन पहले ही जॉनसन एंड जॉनसन ने अपनी वैक्सीन के आपात इस्तेमाल के लिए भारत सरकार से अनुमति मांगी थी। बता दें कि भारत में अभी तक भारत बॉयोटेक की कोवाक्सिन, सीरम की कोविशील्ड, रूस की स्पूतनिक-वी, मॉडर्ना को मंजूरी मिली है।