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नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच कई अस्पतालों द्वारा मरीजों से इलाज के एवज में बहुत ज्यादा पैसा वसूल कर रहे है जिसके चलते इरडा ने बीमा कंपनियों के लिए गाइलाइन जारी किया है। बीमा विनियामक ने बीमा कंपनियों को कोराना मरीजों से इलाज के चलते ज्यादा वसूली करने वाले अस्पतालों का ब्योरा मुहैया कराने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन अस्पतालों की सूची सौंपने का भी निर्देश दिया है जो कैशलेस इलाज के लिए इनकार कर रहे हैं।
बीमाधारकों ने शिकायत दर्ज कराई
बता दें कि ने सोशल मीडिया के जरिये कई स्वास्थ्य बीमाधारकों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि बीमा कंपनी के नेटवर्क अस्पताल द्वारा कैशलेस इलाज मुहैया नहीं कराई जा रही है। इरडा ने एक नोट में कहा है कि स्वास्थ्य बीमा विनियम 2016 के तहत अस्पतालों को कैशलेस आधार पर इस तरह के दावों के त्वरित निपटान को सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती है। नियामक ने यह भी कहा कि कैशलेस अनुरोधों की समीक्षा करते समय, बीमाकर्ताओं से नेटवर्क अस्पतालों द्वारा सहमति के अनुसार शुल्क लिया जाए।
अस्पताल अलग-अलग चार्ज वसूल रहे
इरडा ने बीमा कंपनियों को भी निर्देश दिया है कि जो बीमाधारक इलाज कराने के बाद रीइंबर्समेंट क्लेम कर रहे हैं उनके जल्द निपटाया जाए। कोरोना संकट के चलते अस्पतालों द्वारा कैशलेस सुविधा नहीं मुहैया कराने पर वित्त मंत्री ने नराजगी जातते हुए इरडा के चेयरमैन एससी खुंटिया से बीमा कंपनियों द्वारा कैशलेस दावे खारिज किए जाने की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करने को कहा था।बीमाधारकों का कहना है कि अस्प्ताल कोराना इलाज के लिए अलग-अलग चार्ज वसूल रहे हैं।