नई दिल्ली । कोरोना के साथ-साथ बिहार में लापरवाही के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) में एक अजब मामला सामने आया है, जहां कर्मियों ने जिंदा मरीज़ को न सिर्फ डेथ सर्टिफिकेट दे दिया बल्कि परिजनों को दूसरे मृत मरीज की बॉडी भी सौंप दी। कारनामे से पर्दा तब उठा जब अंतिम संस्कार के लिए शव को पटना के बांसघाट के श्मशान में लाया गया और मरीज के परिजन ने शमशान पर मुखाग्नि से पहले मृतक का चेहरा देखने की मांग की और चेहरा देखते ही सबके होश उड़ गए क्योंकि वह शव किसी और मरीज़ का था ।
पूरा मामला क्या था ?
दरअसल पटना जिले के बाढ़ के रहने वाले चुन्नू को ब्रेन हेमरेज हुआ था ,जिसके बाद उन्हें पीएमसीएच अस्पताल में दाखिल करवाया गया । इसके बाद वह कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए।इस बीच परिवार वालों को चुन्नू से मिलने की इजाज़त नहीं दी जा रही थी , लेकिन रविवार की सुबह ही अस्पताल वालों ने परिजनों को चुन्नू कुमार की स्थिति खराब होने की खबर दी और कुछ समय बाद अस्पताल ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवारवालों के मुताबिक अस्पताल पहुंचने पर ना तो उन्हें शव का चहरा दिखाया गया और ना ही उन्हें शव सौंपा गया बल्कि सीधे शव को एंबुलेंस में बांसघाट शमशान पर पहुंचा दिया गया ।
अस्पताल के सूप्रीडेंटेंड का बयान
ख़बर है कि पीएमसीएच के सूप्रीडेंटेंड आईएस ठाकुर ने बातचीत के दौरान क्विंट वेबसाइट को बताया, “चुन्नू कुमार जिंदा हैं और उनका इलाज पीएमसीएच में चल रहा है. जिस शख्स की मौत हुई थी उसके परिवार को शव सौंप दिया गया है. वो शख्स पुर्णिया जिले का रहने वाला था. हम मानते हैं कि अस्पताल से बड़ी लापरवाही हुई है, फिलहाल जो बात सामने आई है उसके आधार पर हेल्थ मैनेजर दोषी है जिसे बर्खास्त कर दिया गया है.”