क्वार्टर फाइनल्स में ग्रेट ब्रिटेन को हराया
नई दिल्ली। जापान की राजधानी टोक्यो में जारी ओलंपिक्स में भारतीय हॉकी टीम ने रविवार को हुए अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराकर इतिहास दोहराने के चौतरफा रास्ते खोल दिए है। इस मुकाम में पहुंचने वाली भारतीय टीम के लिए दिलप्रीत सिंह ने 7वें, गुरजंत सिंह ने 16वें और हार्दिक सिंह ने 57वें मिनट में गोल किया। ब्रिटेन के लिए एकमात्र गोल सैमुएल वार्ड ने 45वें मिनट में किया।
जीत के बाद रो पड़े कमेन्टेटर्स
मैच की लाइव कॉमेंट्री कर रहे सुनील तनेजा और सिद्धार्थ पांडेय मैच जीतने के बाद लाइव टीवी पर ही फफक फफक कर रोने लगे। भारतीय हॉकी टीम की तारीफ करते सुनील तनेजा ने कहा, ‘ये खुशी के लम्हे हैं, ये बधाई के लम्हे हैं। भारत ने ग्रेट ब्रिटेन को हराया है। एस्ट्रो टर्फ वाली हॉकी में, ओलंपिक्स में खेलते हुए पहली बार हराया है और 1972 के बाद पहली बार सेमी फाइनल में जगह बना ली है।’
उनकी बात आगे बढ़ाते हुए सिद्धार्थ पांडेय ने कहा,
‘मेरे पास भी शब्द नहीं रहे सुनील। कुछ कहने को रहा नहीं। दशक बीत गए। 40 साल हो गए सेमी फाइनल में भारत नहीं खेला है. जी हां, ये सच है. भारत सेमी फाइनल में प्रवेश कर चुका है, टोक्यो ओलंपिक्स 2020 के सेमी फाइनल में आखिरी टीम होगी भारतीय मेन्स हॉकी टीम।’
1980 के बाद एक बार फिर मौका
भारतीय पुरूष हॉकी टीम 1980 में गोल्ड मेडल जीती थी, लेकिन उस समय सेमीफाइनल फॉर्मैट नहीं था और ग्रुप स्टेज के बाद सबसे ज़्यादा प्वाइंट वाली 2 टीमों ने सीधे फाइनल खेला और भारत ने 6 टीमों में से दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल का टिकट कटा लिया था। जहां उसने वासुदेव भास्करन की कप्तानी में स्पेन को 4-3 से हरा कर इतिहास रच दिया था। इससे पहले 49 साल पहले आखिरी बार साल 1972 में भारत ने म्यूनिख ओलंपिक्स में सेमिफाइनल्स में जगह बनाई थी। जहां भारत का मुकाबला पाकिस्तान से था और भारत को 2-0 के साथ हार का सामना कर कांस्य पदक से ही संतुष्ट होना पड़ा था। लेकिन पाकिस्तान हॉकी टीम ओलंपिक्स 2012 लंदन के बाद से ओलंपिक्स खेल भी नहीं पाई।
पुरुष हॉकी में भारत ने 8 गोल्ड मेडल जीते हैं
ओलंपिक्स में भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने सबसे ज़्यादा (8 गोल्ड) मेडल जीते हैं और 1 सिल्वर, दो ब्रॉन्ज के साथ अब तक कुल 11 मेडल अपने नाम किए है। टीम ने 1928, 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1964 और 1980 ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। लेकिन साल 1980 के बाद से भारत ने एक भी मेडल अपने नाम नहीं किया। भारत का अपना अगला मुकाबला 3 अगस्त को विश्व चैंपियन बेल्जियम से होगा। वहीं दूसरा सेमीफाइनल इसी दिन ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच खेला जाएगा। जबकि 5 अगस्त को टॉप-2 टीमें फाइनल में भिड़ेंगी। लेकिन इस बार भारतीय हॉकी टीम साल 1980 वाले इतिहास को दोहराने की राह पकड़ चुकी है।