चार दशक बाद हॉकी में पदक, ब्रान्ज लेकर लौटी भारतीय हॉकी टीम

जर्मनी को ओलंपिक्स में अब तक 5 बार हरा चुकी है टीम इंडिया।

नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक्स 2020 में गुरूवार को भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल के मेडल के सूखेपन को खत्म कर दिया।ओलंपिक्स 2020 में अपना आखिरी मैच खेल रही पुरूष हॉकी टीम इंडिया ने जर्मनी को 5-4 से रोमांचित मैच में हरा दिया है। ब्रॉन्ज मेडल के लिए लड़ रही टीम इंडिया ने इस मुकाबले को अपने नाम कर भारत की झोली में चौथा मेडल डाल दिया है। जिसमें भारत की तरफ से सिमरनजीत सिंह ने 17वें और 34वें, हार्दिक सिंह ने 27वें, हरमनप्रीत सिंह ने 29वें और रुपिंदर पाल सिंह ने 31वें मिनट में गोल दागे।

पहले क्वार्टर में पिछड़ रहा था भारत

भारतीय हॉकी टीम इस मुकाबले में पहले क्वार्टर में मैच में 1-0 से पीछे रही। मैच के शुरू होने के दूसरे ही मिनट में तिमूर ओरेज ने फील्ड गोल कर जर्मनी को बढ़त दिला दी थी। लेकिन मैच के दूसरे क्वार्टर शुरू होते ही 17वें मिनट में गोल दाग कर भारत को जर्मनी के बराबर (1-1) ला खड़ा किया। दूसरा क्वार्टर दोनो ही देश के देशवासियों की नज़रों को टिकाए रखने वाला रहा। जहां 24वें मिनट में जर्मनी के वेलेन ने और 25वें मिनट में फर्क ने गोल दाग स्कोर 3-1 कर दिया। लेकिन भारत ने अटैक करना नहीं छोड़ा और हार्दिक सिंह ने 27वें और हरमनप्रीत सिंह ने 29वें मिनट में गोल दाग स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया। हाफटाइम तक यही स्कोर रहा। हाफ टाइम के बाद 31वें मिनट में रुपिंदर पाल सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर भारत को 4-3 से बढ़त दिलाई। उसके ठीक 3 मिनट बाद सिमरनजीत सिंह ने गोल कर लीड को 5-3 कर दिया। हालांकि चौथे क्वार्टर में जर्मनी ने एक और गोल दागा और मैच का निर्णायक स्कोर 5-4 रहा।

गोल कीपर पी आर श्रीजेश की तारीफ

भारतीय हॉकी टीम का रक्षा मंत्रालय उर्फ डिफेंस सिस्टम काफी मज़बूत रहा। इसी के साथ रक्षा मंत्रालय के रक्षा मंत्री यानी गोल कीपर, पी आर श्रीजेश (परत्तु रविन्द्रन श्रीजेश) ने जर्मनी के कई पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील नहीं होने दिया। इसमें उनको पहले क्वार्टर में दो अच्छे सेव भी शामिल हैं।

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