राजस्‍थान के राज्‍यपाल पद से सेवानिवृत हुए कल्याण सिंह ने ली बीजेपी की सदस्यता

अमर भारती : उत्तर प्रदेश के प्रूर्व मुख्यमंत्री एंव राजस्थान के राज्यपाल रहे कल्‍याण सिंह लोधी राजस्‍थान के राज्‍यपाल पद से मुक्‍त होने के बाद सोमवार को लखनऊ में बीजेपी की सदस्‍यता ली। इस दौरान कहा कि मैं कोई अब राजनीति नहीं करना चाहता हूं। राजनीति जनसेवा का एक सशक्त माध्यम है। मुझे चुनाव नहीं लड़ना है,मैं बहुत चुनाव लड़ चुका हूं।

लखनऊ में बीजेपी की सदस्‍यता लेने के बाद प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कल्‍याण सिंह लोधी ने कहा कि मैं तीन बात कहना चाहता हूं। अयोध्या बड़ा पवित्र तीर्थ स्थल है,भगवान राम के मंदिर का निर्माण करोड़ों की आस्था का प्रतीक है। मैं कोई राजनीति नहीं करना चाहता हूं।लेकिन इस पर सभी पार्टियां को अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए।

इसके बाद उन्‍होंने कहा कि जबसे योगी जी ने यूपी की सत्‍ता की बागडोर संभाली है. तबसे यूपी में बहुत काम हुआ है. मेरा कार्यकाल कैसा रहा था, मुझे कुछ नहीं कहना. जबसे योगी जी ने कार्यभार संभाला है, यहां बहुत परिवर्तन आया है. जिनके हाथों में पार्टी की बागडोर है, उन्होंने अच्छा कार्य किया है. प्रत्येक डेढ़ घंटे मैं रोज यूपी के बारे में फीडबैक लेता था. उत्तर प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ यह एक अच्छी सरकार का बड़ा उदारहण है.

बाबू जी के नाम से जाने वाले बाबू कल्याण सिंह लोधी को कट्टरपंथी हिन्दुत्व वादी के रूप में जाना जाता है।कई नेताओं को देश की राजनीति में एक पहचान दी, लेकिन राम मंदिर के लिए सबसे बड़ी कुर्बानी पार्टी नेता कल्याण सिंह लोधी ने दी।यह बीजेपी के इकलौते नेता थे, जिन्होंने 6 दिसंबर 1992 में अयोध्या में बाबरी विध्वंस के बाद अपनी सत्ता को बलि चढ़ा दिया था और राम मंदिर के लिए सत्ता ही नहीं गंवाई, बल्कि इस मामले में सजा पाने वाले वे एकमात्र शख्स भी रहे थे।

बता दें कि कल्याण सिंह लोधी का जन्म 5 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था।बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शुमार होने वाले कल्याण सिंह लोधी मौजूदा समय में राजस्थान के राज्यपाल के पद से सेवानिवृत हो गए हैं. एक दौर में वे राम मंदिर आंदोलन के सबसे बड़े चेहरों में से एक थे। उनकी पहचान हिंदुत्ववादी और प्रखर वक्ता की थी.

30 अक्टूबर, 1990 को जब मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलवा दी थी। प्रशासन कारसेवकों के साथ सख्त रवैया अपना रहा था।ऐसे में बीजेपी ने उनका मुकाबला करने के लिए कल्याण सिंह को आगे किया।कल्याण सिंह लोधी बीजेपी में अटल बिहारी बाजपेयी के बाद दूसरे ऐसे नेता थे जिनके भाषणों को सुनने के लिए लोग बेताब रहते थे। कल्याण सिंह लोधी उग्र तेवर में बोलते थे, उनकी यही अदा लोगों को पसंद आती है।

कल्याण सिंह लोधी ने एक साल में बीजेपी को उस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया था कि पार्टी ने 1991 में अपने दम पर यूपी में सरकार बना ली थी।कल्याण सिंह लोधी यूपी में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री बने। सीबीआई में दायर आरोप पत्र के मुताबिक मुख्यमंत्री बनने के ठीक बाद कल्याण सिंह लोधी ने अपने सहयोगियों के साथ अयोध्या का दौरा किया और राम मंदिर का निर्माण करने के लिए शपथ ली।

रिपोर्ट-शिवनन्दन सिहं