बारिश से किसान बर्बाद, व्यापारी हलकान

कोसीकला। सोमवार-मंगलवार की रात हुई बेहिसाब बारिश ने किसानों और व्यापारियों की कमर तोड़ दी। कृषि उत्पादन मंडी में बिक्री के लिए लाई गई धान की फसल पानी में डूबकर बर्बाद हो गई। मंडी में जल निकासी की कोई व्यवस्था न होने के कारण मंडी परिसर तालाब में बदल गया।

मूसलाधार बारिश से जहां किसानों की मेहनत पानी में बह गई, वहीं व्यापारियों की तुली हुई बोरियां भीगकर खराब हो गईं। मंडी में जगह-जगह पानी भरा हुआ था और फसलें उसमें तैरती नजर आईं। हताश किसान बरसात रुकने के बाद अपने-अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली में भीगी हुई फसलें भरकर घरों की ओर लौटते दिखे।

किसानों ने आरोप लगाया कि मंडी समिति ने कभी जल निकासी की पुख्ता व्यवस्था नहीं की। इसी लापरवाही का नतीजा है कि सैकड़ों मन धान पानी में सड़ गया। गांव सूरवारी के लकी की 50 मन, नगला चेहरा के डालचंद की ढाई सौ मन, दिगंबर की 80 मन, धर्मनगर के राधेश्याम की 40 क्विंटल, पिसावा के वीरपाल की 125 मन, पैगाम गांव के परशुराम की 50 मन और जॉब गांव के श्याम सुंदर की 80 क्विंटल सहित नानक की 70 क्विंटल धान पूरी तरह खराब हो गई।

व्यापारी रूप किशोर ने बताया कि मंडी में करीब 20 व्यापारियों की तुली हुई बोरियां भी पानी में डूब गईं, जिससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत किसानों और व्यापारियों दोनों को मुआवजा देना चाहिए।

इस बीच, मंडी सचिव उमेश कुमार ने कहा कि शहर के नालों की सफाई नगर पालिका द्वारा नहीं कराई गई, जिससे मंडी में पानी भर गया। हालांकि, स्थिति को संभालने के लिए ट्रैक्टर और पंपसेट लगाकर जल निकासी शुरू करा दी गई है।