
कुशीनगर। जिला लेखा परीक्षा अधिकारी, सहकारी समितियाँ एवं पंचायतें, कुशीनगर द्वारा वर्ष 2023-24 की लेखा परीक्षा में जनपद की 30 ग्राम पंचायतों में भारी पैमाने पर दुरुपयोग, अपव्यय और वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। अधिभार प्रतिवेदन में दर्ज इन अनियमितताओं को देखते हुए जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट महेन्द्र सिंह तंवर ने सभी संबंधित ग्राम प्रधानों से दो माह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि निर्धारित समयसीमा में स्पष्टीकरण न देने या स्पष्टीकरण असंतोषजनक पाए जाने की स्थिति में संबंधित धनराशि की वसूली भू-राजस्व की भाँति की जाएगी।
अधिभार प्रतिवेदन के अनुसार दुदही, खडडा, रामकोला, कप्तानगंज, पडरौना, फाजिलनगर, सेवरही, तमकुही, विशुनपुरा तथा नेबुआ नौरंगिया विकास खण्डों की जिन 30 ग्राम पंचायतों में अनियमितताएँ पाई गई हैं, उनमें—
लोहरपट्टी, लखुआ लखुई, रामपुर गोनहा, बसडीला, सोहरौना, बिहुली निस्फी, सपहा, सुम्हाखोर, भडसर खास, गांगरानी, दलबहादुर छपरा, साखोपार, विशुनपुरा, धनहां, जौरामन राखन, नोनिया पट्टी, कनौरा, परसा उर्फ सिरसिया, पिपराघाट एहतमाली, बभनौली (तमकुही), भुजौली, पुर्नहा बुजुर्ग, नगरी, बभनौली (नेबुआ नौरंगिया), सिरसिया बुजुर्ग, बगही, धुरिया कोट, पखिहवा उर्फ कर्जहा, रामपुर उर्फ खुशहाल टोला तथा उस्मानपुर शामिल हैं।
इन ग्राम पंचायतों में ₹3,950 से लेकर ₹30,65,481 तक की अनियमितताओं को दर्ज किया गया है। कुल मिलाकर कई करोड़ रुपये के वित्तीय दुरुपयोग का मामला सामने आया है।
जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवर ने कहा कि सरकारी धन के दुरुपयोग पर शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जाएगी। ग्राम प्रधानों से प्राप्त सभी स्पष्टीकरणों की विधिवत जांच की जाएगी और अनियमितता सिद्ध होने पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।