
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद में लगभग 20 साल पुरानी एक मस्जिद को खुद मुस्लिम पक्ष द्वारा ढहाया जा रहा है। यह मस्जिद सरकारी जमीन पर अवैध रूप से निर्मित थी, जिसे लेकर वर्षों से कानूनी प्रक्रिया चल रही थी। आखिरकार तहसीलदार न्यायालय और फिर अपर जिलाधिकारी (एडीएम) न्यायालय द्वारा जमीन को खाली कराने का आदेश पारित किया गया। आदेश के पालन में, मुस्लिम पक्ष ने खुद मस्जिद पर हथौड़ा चलाकर उसे गिराने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
तमकुहीराज तहसील के गड़हिया चिंतामन गांव में स्थित यह मस्जिद लगभग दो दशक पूर्व गांव के ही व्यक्ति साबिर ने मुस्लिम समुदाय के सहयोग से सार्वजनिक रास्ते की भूमि (गाटा संख्या 645 और 648, कुल रकबा 0.010 हेक्टेयर) पर बनवाई थी। इस निर्माण का लंबे समय से विरोध करते आ रहे गांव के निवासी अरविंद किशोर शाही ने पहले प्रशासन को शिकायत दी और फिर तहसीलदार न्यायालय में वाद दाखिल किया।
काफी समय तक मामले की सुनवाई चलती रही। इसी दौरान उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का बुलडोजर अभियान प्रारंभ हुआ, जिससे शिकायतकर्ता अरविंद को न्याय की उम्मीद जगी। 27 जनवरी 2025 को तहसीलदार न्यायालय ने मस्जिद को अवैध ठहराते हुए बेदखली का आदेश पारित किया। फिर 20 मार्च को नोटिस जारी कर 8 अप्रैल तक जमीन खाली करने को कहा गया, अन्यथा बुलडोजर चलाने की चेतावनी दी गई।
मुस्लिम पक्ष ने इस आदेश को चुनौती देते हुए अपर जिलाधिकारी न्यायालय में याचिका दायर की, लेकिन 10 जून 2025 को एडीएम न्यायालय ने तहसीलदार के आदेश को सही ठहराते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। एडीएम ने स्पष्ट किया कि गाटा संख्या 645 व 648 सार्वजनिक रास्ते की जमीन है, जिस पर कोई भी निर्माण अवैध माना जाएगा।
बुलडोजर की कार्यवाही के डर से मस्जिद पक्ष ने कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए स्वयं मजदूर लगाकर मस्जिद ढहाने का कार्य शुरू कर दिया है। मस्जिद पक्ष के प्रमुख साबिर अली ने बताया कि यह मस्जिद पूर्वजों द्वारा सार्वजनिक भूमि पर बनाई गई थी, लेकिन अब जब न्यायालय ने आदेश दे दिया है तो हमने उसका सम्मान करते हुए खुद से जमीन खाली करने का निर्णय लिया है।
अरविंद किशोर शाही ने कहा कि सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की दिशा में यह फैसला ऐतिहासिक है और प्रशासन को इसके लिए धन्यवाद दिया जाना चाहिए। मस्जिद के साथ ईदगाह भी इसी जमीन पर बनी थी, जिसे अब हटाया जा रहा है।