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लद्दाख: केंद्र प्रशासित प्रदेश बनने के बाद, सपनों को लगे पंख- Amar Bharti Media Group राज्य

लद्दाख: केंद्र प्रशासित प्रदेश बनने के बाद, सपनों को लगे पंख

जम्मू-कश्मीर की छत्रछाया से अलग हटकर केंद्र प्रशासित बनने वाला लद्दाख 5 अगस्त को इस रूप में अपनी पहली वर्षगांठ मनाएगा.

लद्दाख: जम्मू-कश्मीर की छत्रछाया से अलग हटकर केंद्र प्रशासित बनने वाला लद्दाख 5 अगस्त को इस रूप में अपनी पहली वर्षगांठ मनाएगा.

पिछले कई सालों से विकास की बाट जोह रहे लद्दाख में बीते साल में करोड़ोंं रुपये की कई नई परियोजनाएं शुरू हुई हैं. जिससे लद्दाखियों के अधूरे पड़े विकास के सपनों को पंख लग गए हैं.

 

सौर ऊर्जा का गढ़ बनेगा लद्दाख

जानकारी के मुताबिक लद्दाख में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए लेह और कारगिल जिले में सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं. इसके लिए केंद्र सरकार लद्दाख को 50 हजार करोड़ रुपये की मदद दे रही है. केंद्र प्रशासित क्षेत्र बनने के बाद लद्दाख को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह केंद्र सरकार का सबसे बड़ा निवेश है. इन सौर पैनलों के जरिए अक्षय ऊर्जा मंत्रालय कुल 23 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन करने की योजना बना रहा है. जिसमें पहले चरण में 7500 मेगा वाट बिजली का उत्पादन होगा.

 

मोदी सरकार ने पहली सेंट्रल यूनिवर्सिटी को मंजूरी दी

केंद्र प्रशासित प्रदेश बने लद्दाख के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने पहली सेंट्रल यूनिवर्सिटी को मंजूरी दे दी है. इस यूनिवर्सिटी में बुद्धिस्ट स्टडीज सेंटर भी होगा. साथ ही तमाम प्रकार के डिग्री कोर्स और तकनीकी विषयों की भी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई होगी. इस यूनिवर्सिटी के बन जाने से उच्च शिक्षा के लिए सैकड़ों किमी दूर दूसरे इलाकों में जाने को मजबूर होने वाले 10 हजार स्टूडेंट्स को फायदा होगा. श्रीनगर एनआईटी में स्नातक की 5 प्रतिशत सीटें लद्दाखी स्टूडेंट्स के लिए रिजर्व की गई हैं. वहीं पहली बार इस साल फरवरी में लद्दाख में खेलो इंडिया विंटर गेम्स का आयोजन हुआ.

 

हरियाली को बढ़ावा देने के लिए ग्रीनहाउस प्रोजेक्ट

दुनिया के सूखे- ठंडे रेगिस्तान के रूप में प्रसिद्ध लद्दाख में हरियाली और वनस्पति को बढ़ावा देने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं. पीएम मोदी ने आने वाले वर्षों में लद्दाख को कार्बन फ्री क्षेत्र के रूप में विकसित करने का प्रण लिया है. इसके लिए लद्दाख में 500 करोड़ रुपये की मदद से लद्दाख में मिशन ऑर्गेनिक डिवेलपमेंट इनिशिएटिव (MODI) शुरू किया गया है. प्रोजेक्ट के तहत खेती को बढ़ावा देने के लिए ग्रीनहाउस केबिन बनवाए जा रहे हैं. लेह और कारगिल के 66 गांवों को मार्च 21 तक ऑर्गेनिक विलेज के रूप में विकसित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. 85 गांवों को 2023 तक ऑर्गेनिक विलेज का सर्टिफिकेट देने का प्लान किया गया है. सरकार का प्रयास है कि ग्रीनहाउस प्रोजेक्ट के जरिए लद्दाख में साल भर सब्जियों और अनाज की उपलब्धता बनी रहे. इसके लिए 76 करोड़ की लागत से 2 साल के अंदर लेह- कारगिल में 1676 ग्रीनहाउस तैयार करने का टारगेट बनाया गया है.

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लद्दाख को देश का प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने की योजना

सरकार ने आने वाले सालों में लद्दाख को देश के प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभारने का भी प्लान तैयार कर लिया है. इसके लिए लद्दाख में 17वीं शताब्दी के राजा रहे सेंगे नामग्याल की प्रतिमा का अनावरण किया गया है. लद्दाख में सेंगे नामग्याल को एक बहादुर और मिलनसार राजा के रूप में जाना जाता है. जिन्होंने जनता के लिए कई सारी मॉनेस्ट्री, महल और पूजा स्थल बनवाए. सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लद्दाख में बनी मॉनेस्ट्री में होम स्टे को बढ़ावा देने की योजना भी बनाई गई है. इसके साथ ही लद्दाख में वाइल्ड लाइफ सफारी बनाने और पक्षी विहार विकसित करने का प्लान भी बनवाया जा रहा है. दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर भी लद्दाख में ही आता है. इस ग्लेशियर के कुछ हिस्सों को भी अब पर्यटकों के लिए खोलने की तैयारी की जा रही है.

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ढांचागत सुविधाएं विकसित करने का काम तेज

लद्दाख में ढांचागत सुविधाएं विकसित करने का काम भी काफी तेजी से चल रहा है. बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने रिकॉर्ड 15 महीने के अंदर लद्दाख में कर्नल छेवांग रिनचेन ब्रिज का निर्माण पूरा कर लिया है. नुब्रा वैली के रोंगडो इलाके में श्योक नदी पर 82 मीटर लंबे स्पैन ब्रिज का निर्माण किया गया है. जोजिला टनल, शिनकुल ला, तांगलांग ला, लाचुंग ला की डीपीआर तैयार करने का काम शुरू हो गया है. दारबुक, श्योक और दौलत बेग ओल्डी को जोड़ने वाले 255 किमी लंबे सभी मौसम में कामयाब रोड को पूरा करने का काम तेजी पर है. इससे कराकोरम पास और लेह के कनेक्टिविटी काफी कम हो जाएगी. लेह में KBR एयरपोर्ट की बिल्डिंग बनाने का काम पिछले साल शुरू हो चुका है. इन सब परियोजनाओं के पूरे होने से आम लोगों के जीवन स्तर में सुधार आएगा. साथ ही सेना की रक्षा तैयारियां भी मजबूत होंगी.

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सैटेलाइट से चलने वाले 54 मोबाइल टॉवर का निर्माण

सरकार लद्दाख में सूचना क्रांति को बढ़ावा देने के लिए 54 मोबाइल टॉवर लगा रही है. लद्दाख के युलचुंग, नेयराक्स, लिनशेड, फोटोक्सर बर्फबारी की वजह से छह महीने बाकी देश से कटे रहते हैं. मोबाइल टॉवर लग जाने के बाद ये इलाके सर्दियों के दिनों में देश के बाकी हिस्सों से जुड़े रहेंगे. ये मोबाइल टॉवर सैटेलाइट से जुड़े रहेंगे और इनके लिए ऑप्टिकल फाइबर बिछाने की जरूरत नहीं होगी.

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2020-21 के लिए 5958 करोड़ रूपये आवंटित

इन सबके अलावा लद्दाख के उपराज्यपाल ने CII से इलाके में उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा देने में निवेश करने की अपील की है. वहीं केंद्र सरकार ने 2020-21 के लिए 5958 करोड़ रुपये लद्दाख में विकास कार्यों के लिए आवंटित किए हैं. लद्दाख में पीएम मोदी,  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के चीफ के लगातार दौरों ने भी लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाया है.