लखीमपुर खीरी में दो किसानों का अंतिम संस्कार रोका, पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांग रहे परिजन

अंतिम संस्कार से पहले दो किसानों के घर वाले मांग रहे है पोस्टमार्टम रिपोर्ट

Last rites of two farmers of Lakhimpur Kheri stopped family members asking  for post-mortem report - लखीमपुर खीरी के दो किसानों का अंतिम संस्कार रोका  गया, पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांग रहे ...

नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी में हुई घटना में चार मृतक किसानों में से दो के घरवालों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखने के बाद ही अंतिम संस्कार करेगे। परिजनों का आरोप है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ बदलाव हो सकते है। इस सूचना की जानकारी जैसे ही लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह धौरहरा को मिली वो किसान नक्षत्र सिंह के गांव पहुंचीं और परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए मानने में जुट गई।

पलिया के लवप्रीत सिंह और धौरहरा में किसान नक्षत्र सिंह का मंगलवार सुबह अंतिम संस्कार होना था। लेकिन दोनों के घरवालों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। उनका कहना था कि अभी तक आखिर पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्यों नहीं आई।

चार शर्तों पर हुई थी सहमति

कल मृतकों के परिजनों को 45-45 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक-एक सदस्य को उनकी योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी तथा घायलों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा, पूरे घटना की जांच हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज से कराने की सहमति के बाद परिजन अंतिम संस्कार करने को राजी थे। बवाल के बाद भड़के लोगों ने चारों लाशें रविवार को तिकुनिया गांव के बाहर सड़क पर रख दीं थी। नाराज भीड़ ने पुलिस-प्रशासन को दो टूक जवाब दे दिया था कि जब तक उनकी मांग नहीं पूरी होती, शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। बीते सोमवार दिनभर गाड़ियों में भरकर भीड़ वहाँ आती रही और लोग चारों शवों के अंतिम दर्शन करते रहे। 24 घंटे से जादा समय तक शव वहीं थे। आखिर में जब बातचीत का रास्ता बना तो किसान नेता राकेश टिकैत के समझाने के बाद लोगों ने शव पुलिस को सौंपा। फिर उनका पोस्टमार्टम हो सका।

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