मैलानी में बंदरों का आतंक: छत से फेंके गए युवक के दोनों पैर टूटे, रीढ़ की हड्डी में भी आई चोट

लखीमपुर खीरी के मैलानी कस्बे में इन दिनों बंदरों का आतंक लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है। एक सप्ताह में दर्जन भर से अधिक लोग बंदरों के हमलों में घायल हो चुके हैं। ताजा घटना में छत पर सो रहे प्रमोद नाम के युवक पर बंदरों ने हमला कर दिया। हमले के दौरान प्रमोद छत से नीचे गिर गया, जिससे उसके दोनों पैर और रीढ़ की हड्डी टूट गई। उसे गंभीर हालत में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

एक दिन पहले भी बंदरों ने संदीप पंडित नामक युवक को उसके घर में घुसकर बुरी तरह घायल कर दिया था। हमले में संदीप के चेहरे पर गहरे घाव आए और गर्दन की नस कटने के कारण अधिक खून बहने से उसे लखनऊ रेफर करना पड़ा।

लगातार हो रहे इन हमलों से कस्बे में दहशत का माहौल है। अब तक एक दर्जन से अधिक लोग बंदरों के हमलों में घायल हो चुके हैं। इससे नाराज होकर बड़ी संख्या में महिलाएं नगर पंचायत कार्यालय पहुंचीं और बंदरों को पकड़वाने की मांग की।

इस संबंध में नगर पंचायत अध्यक्ष कीर्ति माहेश्वरी ने बताया कि बंदरों की संख्या काफी अधिक है। पहले भी 500 से ज्यादा बंदरों को पकड़ा गया है, लेकिन कुछ लोग फिर से बंदरों को कस्बे में छोड़ जाते हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है। उन्होंने बताया कि बंदरों को पकड़ने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है और शीघ्र ही कस्बे को राहत दिलाई जाएगी। साथ ही चेतावनी दी कि भविष्य में जो कोई भी कस्बे में बंदर छोड़ता पाया गया, उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

प्रमोद कुमार, जो बंदरों के हमले में घायल हुए हैं, ने बताया कि वह छत पर सो रहा था तभी बंदरों ने हमला कर उसे नीचे धकेल दिया। दोनों पैर टूट चुके हैं और रीढ़ की हड्डी में भी गंभीर चोट है। वह रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण करता था और अब घर में कमाने वाला कोई नहीं बचा।

प्रमोद की बहन ने बताया कि रक्षाबंधन के मौके पर वह भाई की देखभाल के लिए घर आई है। उन्होंने बताया कि पूरे कस्बे में बंदर लोगों को निशाना बना रहे हैं और प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।