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मथुरा में सुनवाई से पहले पुलिस बल तैनात
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2:00 बजे के आसपास हो पाएगी सुनवाई
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मंगलवार को आज कोर्ट में होगी सुनवाई
#राजस्थान के जनपद भरतपुर के डीग में हुए बहुचर्चित राजा मान सिंह हत्याकांड पर फैसले की घड़ी नजदीक आ गई है। 21 फरवरी 1985 को हुए पुलिस मुठभेड़ में राजा मान सिंह समेत दो अन्य लोगों की मौत हो गई थी।
14 अभियुक्त ट्रायल पर
इस मामले में कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। इनमें तीन की मौत हो चुकी है। एक बरी हो गया। 14 अभियुक्त ट्रायल पर हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मुकदमे की सुनवाई मथुरा जिला जज की अदालत में की जा रही है। इस मुकदमे पर मंगलवार को फैसला आ सकता है।
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तत्कालीन मुख्यमंत्री ने टूटे मंच से ही चुनावी सभा को संबोधित किया और इस घटनाक्रम के लिए पुलिस अधिकारियों की जमकर खिंचाई की थी। इसके बाद पुलिस ने राजा मान सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
आरोप है कि अगले दिन 21 फरवरी को जैसे ही राजा मान सिंह लाल कुंडा चुनाव कार्यालय से डीग थाने के सामने से गुजरे सीओ कान सिंह भाटी के चालक महेंद्र द्वारा पुलिस वाहन को जोगा जीप के सामने खड़ा कर दिया गया।
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धारा 307 की रिपोर्ट दर्ज
इसके बाद लोगों को सिर्फ फायरिंग सुनाई दी। जौंगा जीप में राजा मान सिंह, सुम्मेर सिंह और हरी सिंह के शव मिले थे। इस वारदात के बाद डीग थाना के एसएचओ वीरेंद्र सिंह ने राजा मान सिंह के दामाद विजय सिंह सिरोही के खिलाफ 21 फरवरी को ही धारा 307 की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
वादी पक्ष के अधिवक्ता नारायन सिंह विप्लवी ने बताया कि हत्याकांड के दिन ही राजा मान सिंह के दामाद और उनके साथी बाबूलाल को गिरफ्तार कर लिया गया था।
उसी रात उनकी जमानत भी हो गई और 22 फरवरी को राजा मान सिंह का दाह संस्कार महल के अंदर ही किया गया। 23 फरवरी को विजय सिंह सिरोही ने डीग थाने में सीओ कान सिंह भाटी, एसएचओ वीरेंद्र सिंह समेत कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ राजा मान सिंह समेत दो अन्य की हत्या का मामला दर्ज कराया था।
यह मामला जयपुर की सीबीआई की विशेष अदालत में भी चला। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह मुकदमा वर्ष 1990 में मथुरा न्यायालय स्थानांतरित हो गया।
तीन अभियुक्तों की हो चुकी है मौत, एक बरी
राजा मान सिंह हत्याकांड में सीबीआई द्वारा कुल 18 अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दी है। इनमें से तीन अभियुक्त एएसआई नेकीराम, कांस्टेबल कुलदीप और सीताराम की मौत हो चुकी है, जबकि कान सिंह भाटी के चालक महेंद्र सिंह को जिला जज की अदालत ने बरी कर दिया है।
अभियुक्तों की उम्र लगभग 80 के पार
अब जो अभियुक्त रह गए हैं उनमें सीओ कान सिंह भाटी, एसएचओ वीरेन्द्र सिंह, कांस्टेबल सुखराम, कांस्टेबल आरएसी जीवन राम, भावर सिंह, हरी सिंह, शेर सिंह, छत्तर सिंह, पदम राम, जग मोहन, एएसआई डीग पुलिस रवि शेखर, जीडी लेखक हरि किशन, जांचकर्ता कान सिंह सिरवी, गोविंद सिंह सहायक जांचकर्ता शामिल हैं। अधिकतर अभियुक्तों की उम्र लगभग 80 के पार पहुंच गई है । सभी अभियुक्त सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं।