नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्य सचिव रहे अंशु प्रकाश के साथ कथित मारपीट के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बरी कर दिया है। 2018 में अंशु प्रकाश के साथ कथित मारपीट करने के केस में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के 9 विधायकों को आरोप मुक्त कर दिया है। इस फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा, ‘सत्यमेव जयते’।
इन धाराओं के तहत दर्ज मामला
पुलिस ने केजरीवाल और 12 अन्य को भारतीय दंड संहिता धारा 186 (लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), 332 (स्वेच्छा से जनता को चोट पहुंचाने के लिए) के तहत मामला दर्ज किया था। नौकर अपने कर्तव्य से), 323 (चोट पहुंचाना), 342 (गलत कारावास के लिए सजा), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), 120-बी (आपराधिक साजिश की सजा), और 149 (गैरकानूनी का हर सदस्य) के तहत अपराधी घोषित किया गया था।
आप के दो विधायकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
हालांकि मुख्य मेट्रोपोलिटन सचिव सचिन गुप्ता ने आम आदमी पार्टी के दो विधायक अमानतुल्लाह और प्रकाश जरवाल के खिलाफ आरोप तय किए। कोर्ट ने दोनों विधायकों अमानतुल्लाह और प्रकाश जरवाल के खिलाफ आईपीसी की 186, 353 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर मुकदमा चलाने को हरी झंडी दे दी है। यह मामला 2018 में दर्ज किया गया था।
अक्टूबर 2018 में ही मिल गई थी जमानत
अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत जिन अन्य विधायकों का इस पूरे मामले में नाम था, वे हैं अमानतुल्ला खान, प्रकाश जरवाल, नीतिन त्यागी, ऋतुराज गोविंद, संजीव झा, अजय दत्त, राजेश गुप्ता, राजेश ऋषि, मदन लाल, प्रवीण कुमार और दिनेश मोहनिया शामिल हैं। इस केस में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आप के नौ अन्य विधायकों को अक्टूबर 2018 में जमानत दे दी गई थी।