नगर निगम करवा रहा 88 गांवों में सर्वे

ग्रामीण में अफवाह, टैक्स वसूलेगा नगर निगम

लखनऊ। नगर निगम ने इन दिनों भले ही बकाया शुल्क वसूलने का अभियान चलाया हुआ है, लेकिन निगम राजधानी के बड़े-बड़े सरकारी कार्यालय, राजनीतिक दफ्तरों और बाहुबलियों से हाउस टैक्स की वसूली नहीं कर पा रहा है।


अफवाह : टैक्स वसूलेगा नगर निगम

इसी को ध्यान में रखते हुए लखनऊ की सीमा विस्तार के बाद नगर निगम के दायरे में आने वाले 88 नए गांवों का सर्वे करने का आदेश जारी किया गया है। जिसको लेकर ग्रामीणों के बीच अफवाह फैल रही है कि नगर निगम सर्वे कराकर उनसे टैक्स वसूलना शुरू करेगा।

सर्वे कर लगेगा हाउस टैक्स

इस मामले में मुख्य कर निर्धारण अधिकारियों ने सभी जोनल अधिकारियों को सर्वे कर हाउस टैक्स लगाने के आदेश दिए हैं। इस दौरान सबसे पहले व्यावसायिक संपत्तियों पर टैक्स लगाया जाएगा। गृहकर का निर्धारण गांव के नजदीकी वॉर्ड की दर के आधार पर किया जाएगा, जो नए गांव नगर निगम में शामिल हुए हैं।


आखिर क्या कहता है अधिनियम 1959

आप को बता दें कि उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 के सेक्शन 177 ज में साफ लिखा गया है कि हाउस टैक्स तभी लिया जा सकता है, जब क्षेत्र का पूरा विकास जैसे सीवर, बिजली, पानी, सड़क, नाले की व्यवस्था कर दी गई हो, या फिर क्षेत्र को नगर निगम की सीमा में आए 5 साल से अधिक समय हो गया है। जबकि, इन इलाकों में दोनों स्थितियां अभी नहीं हैं।

सीएम और नगर विकास मंत्री को भेजा शिकायती पत्र

लखनऊ जन कल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने गोमती नगर विस्तार सहित कई क्षेत्रों में कराए जा रहे सर्वे को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व नगर विकास मंत्री को शिकायती पत्र भेजा है। पत्र में यह भी कहा गया है कि जिन क्षेत्रों का नगर निगम को हैंडओवर नहीं हुआ, उसमें भी निगम सर्वे करा रहा है।

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