अमर भारती : देश में चल रहे सैनिक स्कूलों में अब से लड़कों के साथ साथ लड़कियों को भी पढ़ाई करने का मौका मिल सकेगा। इस मसले पर शुक्रवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 से आवेदन को मंजूरी दे दी है। लड़कियों को इन स्कूलों में चरणबद्ध तरीके से दाखिला मिलेगा।
बता दें कि यह फैसला रक्षा मंत्रालय द्वारा दो साल पुराने पायलट प्रोजेक्ट की सफलता देखकर लिया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत मिजोरम के छिंगछिंग स्थित सैनिक स्कूल की कक्षा छह में 30 लड़कियों को पढ़ने का अवसर दिया गया था।
जानकारी के अनुसार इस योजना की सफलता के बारे में एक रिपोर्ट अगस्त-2019 में रक्षा मंत्रालय को सौंपी गई थी। मोदी सरकार की यह पहल सरकार के समग्रता लैंगिक समानता, सशस्त्र बलों में महिला भागीदारी को बढ़ाने के उदेश्य की पूर्ति और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को मजबूत करने के लक्षय के अनुरूप है। रक्षामंत्री ने रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों को सैनिक स्कूलों में बेटियों के दाखिले के लिए पर्याप्त महिला कर्मचारियों और आवश्यक आधारभूत संरचना की उपलब्धता सुनिश्चित का आदेश पहले से ही दे रखा है।
गौरतलब है कि वर्ष 1961 में आवासीय सैनिक स्कूल की शुरुआत की गई थी। इस समय रक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ पूरे देश में लगभग 25 सैनिक स्कूल हैं। इन सभी से जुड़ा बजट और प्रबंधकीय फैसले लेने का अधिकार रक्षा मंत्रालय को है, जबकि उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित सैनिक स्कूल का खर्च व प्रबंधन वहां की राज्य सरकार करती है। फिलहाल बेटों के साथ बेटियों की पढ़ाई का फैसला रक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ 25 सैनिक स्कूलों में ही लागू होगा।