कोरोना में अनोखी मिसाल : केवल दूल्हा पहुंचा और ले आया दुल्हन

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौर में मंडी जिले के एक युवक ने अपनी बारात में कोसो दूर अकेले ही जाकर दूसरों के लिए उदाहरण पेश किया है। जी हां, आईआईटी गांधीनगर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके प्राशुंल सैनी अकेले गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे। वहां उन्होंने अपनी दुल्हन के साथ सात फेरे लिए। खास बात ये है कि इस दौरान उन्होंने वर्चुअल माध्यम से अपने माता-पिता का आशीर्वाद लिया। यहीं नहीं बल्कि उनके रिश्तेदारों ने भी शादी के इस समारोह को वर्चुअल माध्यम से होते हुए देखा।

हिमाचल से गुजरात में विवाह

जी हां, शादी समारोह किसी भी व्यक्ति की जिंदगी में खुशी का एक बड़ा लम्हा होता है और अमीर हो या गरीब, हर कोई अपनी शादी धूमधाम से करना चाहता है। लेकिन हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के इस पढ़े-लिखे युवा ने अपनी बारात में किसी को भी शामिल नहीं किया और घर से ही हजारों मील दूर दुल्हन के साथ फेरे लिए।

बारातियों की भी रही वर्चुअल मौजूदगी

बताना चाहेंगे कि वैसे तो सरकार ने शादी में 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दे रखी है। लेकिन, कोरोना महामारी के इस दौर में प्रांशुल शर्मा ने किसी को भी अपनी बारात में शामिल करना मुनासिब नहीं समझा। मंडी में उनके परिजनों और रिश्तेदारों ने वर्चुअल माध्यम से शादी समारोह को देखा। इस पर प्रांशुल के पिता परसराम सैनी ने कहा, अपने इकलौते बेटे की शादी में शामिल न होने का मलाल तो जरूर है, लेकिन अपने बेटे की सोच पर उन्हें गर्व भी है।

घर से हज़ारों मील दूर दिया माँ-बाप ने वर्चुअल आशीर्वाद

प्रांशुल और उनकी दुल्हन मन्नोवी ने वर्चुअल माध्यम से ही मंडी में बैठे-बैठे माता-पिता का आशीर्वाद प्राप्त किया। उनके पिता का कहना है कि कोरोना महामारी के इस दौर में भीड़-भाड़ से दूर रहकर संक्रमण से बचा जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वे अपने बेटे की इस शादी से समाज को यह संदेश भी देना चाहते हैं कि जहां पर सुरक्षा, स्वास्थ्य और जनहित की बात हो तो हमें अपनी संवेदनाओं को त्यागना चाहिए।

निश्चित रूप से प्रांशुल सैनी ने समाज को जो संदेश देने का प्रयास किया है, वो काबिले तारीफ है और अन्य युवाओं को भी उनसे सीख लेने की जरूरत है।

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