14 फरवरी को गिरधारी लोहार को पुलिस ने कथित मुठभेड़ में मार गिराया था
6 जनवरी को हुए विभूति खंड थाना क्षेत्र के कठौता चौराहे के पास पूर्व ब्लाक प्रमुख और हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह लंगड़ा की हत्या के मामले में मुख्य शार्प शूटर गिरधारी लोहार को 14 फरवरी की रात विभूति खंड थाने के अंतर्गत कथित मुठभेड़ में मार गिराया गया था | बता दे कि न्यायालय ने विभूति खंड पुलिस को गिरधारी लोहार की 3 दिन की पुलिस रिमांड दी थी यह रिमांड 12 फरवरी से शुरू होकर 15 फरवरी तक की थी। 14 फरवरी की रात गिरधारी लोहार को कथित पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया था।
पूरे मुठभेड़ कांड में अधिवक्ता सर्वजीत यादव ने न्यायालय में एक अर्जी दाखिल कर माननीय न्यायालय से कहा था कि गिरधारी को पुलिस ने जानबूझकर मुठभेड़ दिखा कर मार दिया।मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अधिवक्ता सर्वजीत यादव की अर्जी पर मुठभेड़ कांड में संबंधित पुलिस कर्मचारी/अधिकारियों के खिलाफ हजरतगंज थाने में सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करने के आदेश दिए है |
कोर्ट ने डीसीपी ईस्ट संजीव सुमन, इंस्पेक्टर विभूति खंड चंद्रशेखर सिंह और संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह फैसला सर्वजीत सिंह की याचिका पर दिया है।बता दें कि अजीत सिंह की हत्या के आरोपी गिरधारी विश्वकर्मा की पुलिस रिमांड के दौरान मुठभेड़ में मौत को लेकर न्यायिक कार्रवाई में कोर्ट में झूठे तथ्य देने और कमिश्नर डीके ठाकुर, डीसीपी संजीव सुमन, एसीपी प्रवीण मालिक और थानाध्यक्ष विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग वाली अर्जी दी गई थी। जिस पर जिला न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा ने मामले की सुनवाई के लिए सीजेएम से रिपोर्ट तलब की थी।कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सीजेएम 24 फरवरी की शाम तक रिपोर्ट देकर बताएं कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार एनकाउंटर में कौन से हथियार प्रयोग किए गए।
घटना की तुरंत रिपोर्ट दर्ज कर कोर्ट को क्यू नहीं भेजा गया ? क्यू आजमगढ़ के वकील सर्वजीत की अर्जी पर रिपोर्ट देने के लिए पुलिस ने बिना कारण दर्शाए एक सप्ताह का समय लिया ? न्यायालय ने कहा कि यह आवश्यक हो गया है कि परिवादी की अर्जी में लगाये गए आरोप की इंस्पेक्टर विभूति खंड चंद्रशेखर सिंह व आरोपियों ने न्यायिक कार्रवाई में झूठे तथ्य दिए हैं इस मामले की जांच कराई जाए या नहीं |इसके पहले परिवादी राकेश विश्वकर्मा के वकील प्रांशु अग्रवाल ने अर्जी देकर बताया कि आरोपियों ने जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया है।
कहा गया कि आरोपी मामले की रिपोर्ट नहीं दर्ज कर रहे वहीं रिपोर्ट दर्ज करने की मांग वाली अर्जी पर थानाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह ने बिना कारण दर्शाए रिपोर्ट देने के लिए सीजेएम से एक सप्ताह के समय की मांग की है।वहीं सीजेएम को गाइडलाइंस के अनुसार इस एनकाउंटर की सूचना भी नही दी गई। आरोपियों ने झूठे शपथपत्र भी दिए हैं लिहाजा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।