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नई दिल्ली। अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले पंजाब कांग्रेस में शुरू हुई अंदरुनी लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही अटकलों के चलते कैप्टन ने कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि पार्टी हाईकमान पंजाब की राजनीति में दखल देने की कोशिश ना करें, वरना पार्टी को इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। ये पहली बार हुआ है जब किसी सिटिंग सीएम ने इस तरह का कोई पत्र लिखा हो। तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी में चल रहे कलह के बीच पंजाब प्रभारी हरीश रावत आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलने चंडीगढ़ पहुंचे हैं।
पार्टी आलाकमान के साथ सिद्धू की बैठक
इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। इस बैठक में राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत भी मौजूद थे। कल हुई बैठक के बाद कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि नवजोत सिद्धू पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष होंगे। उन्होंने कहा, ‘मैंने पार्टी आलाकमान के सामने अपनी बात रख दी है। मुझे यकीन है कि कांग्रेस अध्यक्ष अपना समय लेंगी और जल्द ही किसी नतीजे तक पहुंचेगी।’
अमरिंदर और नवजोत की अपने समर्थकों के साथ चल रही बैठकों का सिलसिला
अमरिंदर के विरोध को देखते हुए राज्य में उनके विरोधी सिद्धू के समर्थन में खड़े हो गए हैं। बताया जा रहा है कि चंडीगढ़ में पंजाब के कैबिनेट मंत्री और कैप्टन विरोधी सुखजिंदर सिंह रंधावा के घर बैठक हुई है। इसमें सिद्धू के साथ 5 मंत्री और 10 विधायक शामिल हुए।
तो उधर, अमरिंदर भी किसी हाल में सिद्धू समर्थकों और अपने विरोधियों को आसानी से मौका देने के पक्ष में नहीं दिखते। सिद्धू की बैठक के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी मोहाली के सिसवां स्थित अपने फॉर्म हाउस पर अपने करीबी विधायकों, मंत्रियों और सांसदों की आपात बैठक बुलाई और अपनी रणनीति बनाई। इसके बाद ही उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपनी नाराज़गी जाहिर की।