राजस्थान के लोगों ने मिलकर किया भूजल रिचार्ज

सदियों से इस बात पर हम ज़ोर देते रहे हैं कि पेड़ लगाएं और सुरक्षित जीवन पाएं.. लेकिन अक्सर ये सब बातें केवल किताबी हो कर रह जाती हैं

नई दिल्ली। आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो पर्यावरण को बचाने में दिन रात जुटे हुए हैं. अब उदाहरण के तौर पर राजस्थान के उदयपुर जिले के अलशीगढ़ गांव को ही ले लीजिए.. यहां पर लंबे समय से वनों की कटाई के चलते वहां की मिट्टी का कटाव हो रहा था. इसे देखते हुए गांव वालों ने फैसला किया कि इस कटाव को वे रोकेंगे..

उनके इस फैसले में साथ दिया उन्हीं के भाई बंधुओं ने जो लॉकडाउन की वजह से गांव लौट आए थे.. फिर क्या था, करीब करीब सवा सौ लोगों ने मिलकर 80 खाई खोदने का काम किया.. और उनके इस काम में मदद की सामाजिक संस्था गूंज ने.. डिग्निटी फाॅर वर्क के तहत किए गये इस काम में एक बड़ी सी खाई खोदी गई जिससे कि बारिश का पानी वहां इकट्ठा हो सके. हालांकि इस इलाके में एक जलाशय भी था लेकिन पानी में शिकारियों की उपस्थिति के कारण उनको अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरे जल स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता था..

भूजल स्तर में हुई बढ़ोतरी

इस खुदाई से जहां भूजल रिचार्ज हुआ वहीं बारिश का पानी भी इकट्ठा होना शुरू हो गया.. उत्साही गांव वालों ने मिलकर विभिन्न प्रकार के स्थानीय पौधे लगाने के लिए करीब करीब 170 से अधिक गड्ढे भी खोद डाले. इसमें शामिल बसंती लाल कहते हैं. ” ये पौधे हमारे बच्चों की तरह हैं और जब तक वे बड़े नहीं हो जाते तब तक हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने बच्चों की तरह उसकी देखभाल करें” उनका मानना था कि ये वृक्षारोपण मिट्टी के कटाव की समस्या को हल करने के साथ ही आसपास के बांध के जलाशय के तल पर मिट्टी को जमने से भी रोकेगा. गांव वाले बताते हैं कि इस कदम से न केवल नीम, आम, नींबू और सीताफल जैसे पेड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि उनकी आजीविका पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.. इस काम में शामिल भीमराज ने कहा, “हम किसान हैं यह धरती हमारी मां है.. और लंबे समय तक हमारी धरती मां उचित कपड़ों के बिना थी.. आज हम इन पेड़ों को लगाकर बेहद खुश हैं.” 

ये एक छोटी सी पहल हमें सिखाती है कि अगर आप में कुछ कर गुजरने की लालसा है तो आप सीमित संसाधनों और बिना किसी अभाव का रोना रोए, समाज में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं.. और इसका सीधा फायदा आपके साथ-साथ आपकी आने वाली कई पीढ़ियों को जरूर मिलेगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *