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शब्दों के मोती की माला में कवियों ने पिरोई 'माँ' की महिमा- Amar Bharti Media Group विशेष, Delhi

शब्दों के मोती की माला में कवियों ने पिरोई ‘माँ’ की महिमा

मातृदिवस पर ऑनलाइन राष्ट्रीय काव्य सम्मेलन का हुआ आयोजन

“धरती माँ” और “मूक प्राणियों” की रक्षा का संकल्प ही इस सृष्टि को महामारी से बचा सकता है” – डॉ. मुन्नीपुष्पा जैन

नई दिल्ली। अथक अथाई आशा इंटरनेशनल एवं समन्वय वाणी फाउण्डेशन के तत्वावधान में “मातृदिवस” के अवसर पर “काव्य आराधना महोत्सव” के चतुर्थ अॉनलाइन राष्ट्रीय काव्य सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन हुआ। यह आयोजन सृष्टि की अधिष्ठात्री, हर प्राणी की जननी अर्थात ‘माँ’ के वर्णन को शब्दों के मोती में पिरोने की एक छोटी सी अनुपम कोशिश थी।

संस्थापक अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के मुख्य आयोजक अखिल बंसल ने प्रतिभागी कवियों का स्वागत किया एवं मातृशक्ति को नमन करते हुए सुंदर काव्यपाठ किया।

बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुईं ब्राह्मी लिपि विशेषज्ञ, आदर्श महिला सम्मान प्राप्त जैन विदुषी डॉ. मुन्नीपुष्पा जैन (अतिथि व्याख्याता सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी) ने कहा कि “जन्मदात्री माँ के साथ ही पृथ्वी के सभी जीव “धरती माँ” के एहसान को कभी नहीं चुका सकते। हम सभी को धरती माँ के प्रति, पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों एवं पर्यावरण के प्रति प्रेम और करुणा की भावना रखना चाहिए।

उन्होंने अरिहंत “अनुरागी” द्वारा ‘माँ’ पर रचित एक काव्य भी सुनाया, जिसमें “माँ” के प्रति समर्पित भावों को बहुत सुंदर रूप में अभिव्यक्त किया गया।

इस राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी में रामप्रकाश अवस्थी ‘रूह’, सलोनी रस्तोगी (जयपुर), लता राठी (जोधपुर), डॉ.मुकुल तिवारी (जबलपुर), संजय जैन (मुंबई), शमा जैन सिंघल (जोरहाट, असम), सुमिता मूंधड़ा, निर्मला डोंगरे आदि अथाई-आशा इंटरनेशनल के वरिष्ठ एवं नवोदित रचनाकारों ने माँ को नमन करते हुए प्रशंसनीय, एक से बढ़कर एक गीत, काव्य आदि का सस्वर वाचन किया।

सचिव एवं गोष्ठी संयोजिका डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव (दिल्ली) ने राष्ट्रीय काव्य सम्मेलन का प्रशंसनीय संचालन किया तथा एक सुंदर गीत के माध्यम से माँ के प्रति अपने भाव अभिव्यक्ति किए। दिल्ली के संयोजक राकेश जैन एवं जयपुर से आकाश जैन ने गोष्ठी के आयोजन में तकनीकी सहयोग देकर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कार्यक्रम के अंत में सभी रचनाकारों ने जगत के सभी जीवों के कल्याण की प्रार्थना करते हुए, सभी मनुष्यों के द्वारा प्रकृति के प्रति हुए अपराधों की “धरती माँ” से “क्षमा याचना” की ।

अथाई-आशा इंटरनेशनल के अन्य रचनाकार सदस्यों राजेन्द्र गुलेच्छा, मनीषा राठी, अल्पना जैन, स्वाति, सतीष लाखोटिया, सरोज, अभिनंदन, अरिहंत जैन, सरिता जैन आदि ने अतिथि की भूमिका निभाते हुए सभी कवि-कवयित्रियों का उत्साहवर्धन किया। सभी श्रोताओं ने काव्य गोष्ठी की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

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