Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the updraftplus domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114
प्रधान की हत्या को लेकर राजनीति गरमाई, धरने पर बैठे कांग्रेसी- Amar Bharti Media Group राजनीति

प्रधान की हत्या को लेकर राजनीति गरमाई, धरने पर बैठे कांग्रेसी

आजमगढ़. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के तरवां थाना क्षेत्र के बांसगांव में प्रधान की हत्या को लेकर राजनीति गरम हो गयी है।

प्रियंका गांधी के निर्देश पर कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल बीते दिनों हुई ग्राम प्रधान की हत्या के सिलसिले में उनके परिवार से मिलने पहुंचे, लेकिन प्रशासन ने मिलने से मना कर दिया। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू के साथ पीएल पुनिया वहीं धरने पर बैठ गये हैं।

पहले वामपंथी और सपाइयों के बाद अब कांग्रेसी भी प्रकरण को लेकर मुखर हो गए हैं। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ितों से मिलने के लिए बुधवार रात को जनपद में पहुंचा।

इसमें प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया बुधवार को ही सर्किट हाउस पहुंच गए थे। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितिन राउत और दूसरे नेता गुरुवार को पहुंचने वाले थे।

सभी बासगांव जाना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने नहीं जाने दिया। नाराज कांग्रेसी सर्किट हाउस में धरने पर बैठ गए और शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

बांस गांव के ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते की बीते दिनों गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद मचे बवाल में एक बालक की कुचलकर मौत हो गई थी। दो मौतों के बाद बवाल मचा तो कई गाड़ियां फूंक दी गई, ईंट-पत्थर चल गए थे।

उसी मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, राज्य सभा सदस्य पीएल पूनिया, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बुजलाल खाबरी (अनुसूचित प्रकोष्ठ) प्रदीप नरवाल कोआर्डिनेटर उत्तर प्रदेश, आलोक प्रसाद प्रदेश अध्यक्ष (अनुसूचित प्रकोष्ठ), आरके चौधरी पूर्व मंत्री एवं महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत एक प्रतिनिधिमंडल के रूप में पीड़ितों के गांव एवं घर जाकर उन्हें सांत्वना देना चाहते थे। इसी को लेकर प्रशासन से उनकी ठन गई।

पहले से अलर्ट एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह ने बुधवार देर रात एक आदेश जारी कर वहां जाने पर पाबंदी लगा दी। इसके पीछे प्रशासन ने शान्ति व्यवस्था के बिगड़ने का हवाला दिया।

मजिस्ट्रेट, पुलिस एवं अभिसूचना इकाई की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए प्रशासन ने अपनी बात रखी थी।

सुशांत मामले में अब मिलेगा न्याय: नीतीश

प्रशासन ने सर्किट हाउस के गेट पर सुबह भी भारी फोर्स तैनात कर दिया, जिससे किसी के अंदर एवं बाहर जाना मुश्किल हो गया। यहां तक कि कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह को भी एंट्री नहीं मिल सकी।

हालांकि, कांग्रेस नेताओं से एडीएम प्रशासन एवं एएसपी की वार्ता चल रही है, जिसके बाद ही प्रतिनिधिमंडल के वहां जाने को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू जबरदस्ती जाने का प्रयास कर रहे थे। उन्हें पुलिस ने रोक दिया है। बाद में सभी नेता वहीं बैठकर धरना प्रदर्शन करने लगे।

विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षकों को नीतीश सरकार का तोहफा, देखें

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा, क्या देश लाठी-डंडा से चलेगा। हमारे मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। डेमोक्रेसी को किसी सरकार ने नहीं बनाया है। हमें जाने से क्यों रोका जा रहा है। हमें सर्किट हाउस के अंदर भी जाने नहीं दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा हमें संवेदना व्यक्त नहीं करनें देंगे। हम चुने हुए जनप्रतिनिधि है। क्या किसी के दु:ख में शामिल नहीं हो सकते हैं।

महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने कहा, सरकार हमें किसी से मिलने से कैसे रोक सकती है। सुबह आठ बजे सर्किट हाउस से निकलना था, लेकिन प्रशासन ने सर्किट हाउस के गेट पर फोर्स लगाकर हमें विरोध करने पर विवश कर दिया।

जबकि प्रशासनिक अधिकारियों को मैं पहले ही बता चुका हूं कि हम पीड़ित परिवार को सांत्वना देने जा रहे हैं, राजनीति नहीं करनी है।