‘भाजपा’ की शरण में रामायण के ‘राम’

बंगाल चुनाव में करेंगे भाजपा का प्रचार

नई दिल्ली। रामायण के ‘राम’ अब राजनीतिक धरा पर उतर आये हैं। लेकिन, उन्होनें भी ‘भारतीय जनता पार्टी’ का ही साथ दिया है। बताते चलें कि, वर्ष 1989 से भाजपा ने भी ‘राम’ का दामन थामा हुआ है। देश के पांच राज्यों में होने वाले चुनाव से ठीक पूर्व मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन पर आधारित धारावाहिक ‘रामायण’ में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल ने आज भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। 

लगभग 100 सभाएं करेंगे गोविल 

अरुण गोविल पांच राज्यों में सबसे ज्यादा विशेष रूप से मीडिया द्वारा प्रचारित और प्रसारित बंगाल चुनाव में बीजेपी के पक्ष में धुआंधार प्रचार करेंगे। प्राप्त जानकारी अनुसार, गोविल बंगाल में करीब 100 सभाएं करेंगे। अरुण गोविल ने अब राजनीतिक पारी की शुरुआत की है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा है। 

रामायण से मिली घर-घर में पहचान

पश्चिम बंगाल में कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। हालांकि, इससे पहले ही अभिनेता रहे अरुण गोविल भारतीय जनता पार्टी से जुड़ चुके हैं। अरुण गोविल ऐसे अभिनेता हैं जो 90 के दशक में टेलीविजन सीरियल रामायण से फेमस हुए थे। रामानंद सागर की 90 के दशक में दिखाई जाने वाली ‘रामायण‘ की यादें आज भी लोगों के जहन में ताजा है। इस धार्मिक सीरीयल में भगवान राम का किरदार अरुण गोविल ने ही निभाया था और यहीं से अरुण ने घर-घर में अपनी पहचान बनाई थी।

जान लीजिए, ‘राम’ का जीवन

उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्मे अरुण गोविल ने जी. एफ. कॉलेज शाहजहांपुर, मेरठ यूनिवर्सिटी से इंजिनियरिंग साइंस की पढ़ाई की है। अपनी पढ़ाई के बाद ही अरुण गोविल ने कुछ प्ले में हिस्सा लिया था। अरुण गोविल के पिता चंद्र प्रकाश गोविल सरकारी नौकरी करते थे। अरुण 6 भाई-बहनों में 4 नंबर पर थे। अरुण गोविल ने खुद बताया था, ‘मैंने राम के लिए ऑडिशन दिया था, लेकिन मेकर्स ने रिजेक्ट कर दिया था। उस वक्त उन्हें मेरा काम पसंद नहीं आया था, लेकिन बाद में वे खुद मेरे पास आए और मुझे यह रोल ऑफर किया था।’

रामायण ने जो दिया, वह अकल्पनीय

अरुण गोविल बताते हैं, ‘भगवान राम का किरदार करने से मुझे बॉलीवुड में काम नहीं मिला। इसका मुझे अफसोस है, लेकिन बाद मैं मैंने यह महसूस किया कि व्यावसायिक फिल्मों को करने के बाद मुझे वह शोहरत, प्यार और पहचान नहीं मिलती, जो रामायण में भगवान राम की भूमिका निभाने के बाद मुझे मिली है। रामायाण ने जो मुझे दिया वो 100 बॉलीवुड फिल्में भी नहीं दे सकतीं।’

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