मिनटों में बाजी पलटने वाले रवि दहिया की फाइनल्स में एंट्री, ओलंपिक में भारत के चौथा मेडल पक्का

Tokyo Olympics: 10 साल की उम्र से ट्रेनिंग, पिता रोज 40 किमी दूर दूध-फल  देने आते थे, जानें कौन हैं रवि दहिया - Who is Wrestler Ravi Dahiya Tokyo  Olympics 2020 Ravi

नई दिल्ली। भारत की ओलंपिक मेडल जीतने वाले खिलाड़ीयों की नांव में अब एक और खिलाड़ी शामिल हो गए हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारत को चौथा मेडल रवि दहिया ने पक्का किया। 57 किलोग्राम वेट केटीमरी में कजाकिस्ताने के नूरीस्लेम को हराकर अपना पदक पक्का कर लिया है। अब कल वो गोल्ड के लिए खेलेंगे।

रवि से जुड़ी हैं उसके गांव वालों की उम्मीदें

रवि हरियाणा में सोनीपत जिले के नाहारी गांव के रहने वाले हैं। ओलंपिक पदक सील होने के साथ, रवि दहिया के पिता राकेश और नाहारी वासियों के ग्रामीणों को अब उम्मीद है कि अस्पताल और नियमित बिजली आपूर्ति की उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी। रवि के पिता राकेश का कहना है कि, “अब जबकि एक मेडल आ गया है। मुझे यकीन है कि जल्द ही एक अस्पताल बनेगा। गांव के लोग आज भी पेयजल और बिजली की नियमित आपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं। मुझे यकीन है कि अब चीजें बदल जाएंगी।”

बाउट टेक्निकल सुपीरियॉरिटी के आधार पर जीता मैच

रवि दहिया ने प्री क्वार्टर फाइनल और क्वार्टर फाइनल में अपनी बाउट टेक्निकल सुपीरियॉरिटी के आधार पर जीती। कुश्ती में अगर कोई पहलवान प्रतिद्वंद्वी पर 10 पॉइंट की बढ़त हासिल कर लेता है तो उसे टेक्निकल सुपीरियारिटी के आधार पर तत्काल जीत मिल जाती है। रवि ने प्री क्वार्टर फाइनल में कोलंबिया के ऑस्कर एडुआर्डो टिग्रेरोस को 13-2 से हराया। वहीं, क्वार्टर फाइनल में उन्होंने बुल्गारिया के जियोर्जी वेलेंटिनोव वांगेलोव को 14-4 से मात दी।

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