कोरोना काल में रियल एस्टेट क्षेत्र को तेजी प्रदान करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने निर्माण परियोजनाओं पर लगने वाले प्रीमियम शुल्क में 50 प्रतिशत छूट की घोषणा की है. डेवलपरों को यह छूट 31 दिसंबर 2021 तक पुरानी और नयी दोनों तरह की परियोजनाओं पर मिलेगी.
रियल एस्टेट कंपिनयों के शेयर चढ़े
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले का असर रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों पर भी दिखा. गोदरेज प्रोपर्टीज, इंडियाबुल्स रियल्टी, शोभा और ओबेरॉय रियल्टीज के शेयरों में बढ़त रही.
ग्राहकों को भी लाभ
संपत्ति में निवेश करने वाले ग्राहकों को भी इसका लाभ होगा. जो भी रियल एस्टेट कंपनी इस छूट का लाभ उठाएगी, उसे ग्राहकों की ओर से पूरे स्टांप शुल्क का भुगतान करना होगा.
बिक्री बढ़ाने पर फोकस
महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि दीपक पारेख कमेटी की रपट के आधार पर यह निर्णय किया गया है. कोविड-19 लॉकडाउन के बाद राज्य में निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने पर सिफारिशें करने के लिए यह समिति बनाई गई थी.
दिल्ली, बेंगलुरू में ज्यादा हैं प्रीमियम दरें
मुंबई में इमारतों के अंदर सीढ़ियों, लिफ्ट, लॉबी इत्यादि की मद में अधिकतम 22 प्रकार के प्रीमियम वसूल किए जाते हैं. दिल्ली और बेंगलुरू में इन प्रीमियम की दर अधिक है. बेंगलुरू में डेवलपरों को 10 अलग-अलग तरह के प्रीमियम और शुल्क, दिल्ली में पांच और हैदराबाद में तीन तरह के प्रीमियम और शुल्क देने होते हैं.
मौजूदा सर्किल दरों पर ही मिलेगी प्रीमियम छूट
किसी कंपनी और परियोजना को अचानक नुकसान से बचाने के लिए प्रीमियम पर यह छूट एक अप्रैल 2020 को मान्य सर्किल दरों या मौजूदा सर्किल दरों में जो अधिक होगी उसी पर मिलेगी.