सदगुरु पूर्णिमा पर पिपरा धाम आश्रम में तीन दिवसीय भव्य सत्संग व भजन-कीर्तन कार्यक्रम

धर्म, धर्मात्मा और धरती की रक्षा का लिया गया संकल्प, सद्गुरु तत्वज्ञान की गूढ़ व्याख्या

पिपराभुआल, लखीमपुर।
सन्त ज्ञानेश्वर स्वामी सदानन्द जी परमहंस द्वारा स्थापित सदानन्द तत्त्वज्ञान परिषद् के तत्वावधान में पिपराभुआल, विशुनपुरा बाजार स्थित भगवान सदानन्द पिपरा धाम आश्रम में 8 जुलाई से 10 जुलाई तक तीन दिवसीय भजन-कीर्तन व सत्संग कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

यह कार्यक्रम सदगुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु, भक्तजन और तत्वज्ञान में रुचि रखने वाले जिज्ञासु जन भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर भगवान विष्णु, श्रीराम, श्रीकृष्ण और स्वयं सदानन्द परमहंस जी द्वारा प्रदत्त दुर्लभ तत्वज्ञान पर व्यापक चर्चा की जा रही है।

आडंबर और पाखंड के विरुद्ध जागरूकता का उद्देश्य

कार्यक्रम की जानकारी देते हुए महात्मा दीपक जी ने बताया कि इसका उद्देश्य धर्म के नाम पर फैलते आडंबर, ढोंग और पाखंड से जनमानस को मुक्त करना है। उन्होंने कहा,

“आज सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार यदि किसी क्षेत्र में है, तो वह धर्म का क्षेत्र है। गुरु के नाम पर स्वयं को भगवान घोषित कर, भोले भक्तों की भावनाओं और धन का शोषण किया जा रहा है।”

उन्होंने आगे कहा कि आज के तथाकथित गुरु आत्मा और परमात्मा की भी सच्ची पहचान नहीं रखते, जबकि सदगुरु वह होता है जो शरीर, संसार, जीव, ईश्वर और परमेश्वर के पूर्ण तत्वज्ञान से अपने शरणागत शिष्यों को मुक्त कर सके।

सदानन्द परमहंस जी का तत्वज्ञान — जीवन का प्रकाश

महात्मा दशरथ जी ने सत्संग के दौरान बताया कि सच्चा सदगुरु वही होता है जो अपने समर्पित शिष्यों को साक्षात तत्वज्ञान देकर उन्हें मुक्ति और अमरत्व का अनुभव कराए। उन्होंने कहा:

“भगवान विष्णु, राम और कृष्ण ने भी अपने शरणागत सेवकों को यही तत्वज्ञान देकर मोक्ष प्रदान किया।”

महात्मा जी ने यह भी स्पष्ट किया कि संत ज्ञानेश्वर जी ने अपने भक्तों को आत्मा-परमात्मा का आमने-सामने संवाद के साथ साक्षात दर्शन कराकर तत्वज्ञान दिया है। ऐसे सदगुरु युगों में एक बार अवतरित होते हैं और वही भगवान के पूर्णावतार कहलाते हैं।

संस्था का संकल्प: धर्म, धर्मात्मा और धरती की रक्षा

पिपरा धाम आश्रम द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने समाज को सत्य, न्याय और धर्म की राह पर चलने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सदानन्द तत्वज्ञान परिषद का उद्देश्य ही असत्य, अधर्म, अन्याय और अनीति को समाप्त कर सत्य, धर्म, नीति और न्याय की स्थापना करना है।

कार्यक्रम में सत्संग, प्रवचन, भजन और तत्वज्ञान की गूढ़ चर्चाओं के साथ ही श्रद्धालु आत्मा-परमात्मा की पहचान की ओर एक आध्यात्मिक यात्रा कर रहे हैं।


🔹 कार्यक्रम तिथि: 8 से 10 जुलाई
🔹 स्थान: भगवान सदानन्द पिपरा धाम आश्रम, विशुनपुरा बाजार, पिपराभुआल
🔹 आयोजक संस्था: सदानन्द तत्त्वज्ञान परिषद्

विशेष आकर्षण: तत्वज्ञान दर्शन, आध्यात्मिक संवाद, भजन-कीर्तन, आत्मा-परमात्मा का तात्त्विक परिचय