डॉक्टरों की टेलीफोनिक सलाह भी है निःशुल्क
नई दिल्ली। आजकल लोगों को जहाँ एक ओर कोरोना बीमारी से खुद को बचाना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर बदली जीवनशैली ने भी लोगों को नई-नई तकलीफों का सामना और उनका निदान करने के लिए सजग भी किया है। इनके कारण लोगों को गर्दन और कमर में दर्द होने की शिकायत भी मिल रही है।
…तो इसलिए बढ़ रहीं ये समस्याएं
दरअसल, कोरोना काल के दौरान लोगों की अव्यवस्थित नित्य क्रियाएं और व्यायाम की कमी शरीर को बीमारियों का घर बनाने जुटी है। लोगों की कमर और गर्दन की समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं। चूँकि, कोरोना काल में ज़्यादातर वर्क फ्रॉम होम ही जारी है और लोग कंप्यूटर के सामने घण्टों कार्य किया करते हैं। ऐसे में, सर्वाइकल की समस्या से ग्रस्त होने वालों की तादात भी काफी अधिक है।
ये बढ़ रहीं समस्याएं
लगातार काफी देर तक एक ही पोजीशन में बैठे रहने के कारण लोगों की गर्दन और कमर में दर्द शुरू हो जाता है। पहले तो व्यक्ति इस दर्द को हल्के में लेता है और कार्य करता रहता है। लेकिन, धीरे-धीरे सर में भारीपन बढ़ता जाता है और लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों के शिकार होने लगते हैं।
फिजियोथेरेपी एचओडी बता रहे हैं निदान
अगर आप इस प्रकार के किसी भी दर्द से जूझ रहे हैं तो सबसे पहले आपको अपने बैठने के तरीकों को बदलना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। इन तरीकों के बदलाव के बारे में
द सेंटर फॉर नी एंड हिप केअर एवं हीलिंग ट्री हॉस्पिटल, इंदिरापुरम के फिजियोथेरेपी विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ. इंद्रमणि उपाध्याय विस्तार से बताते हैं।
मांसपेशियों को करें स्ट्रेच
डॉ. उपाध्याय का कहना है कि, हमें हर एक घण्टे में अपने पॉस्चर में बदलाव करना चाहिए। ख़ासकर, कुशन का बदलाव करना चाहिए। जब भी समय मिले, तो गर्दन और कमर की मांसपेशियों को स्ट्रैच करना चाहिए।
निःशुल्क टेलिफोनिक परामर्श जारी
यहाँ तक कि, जो लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं, उन्हें फिजियोथेरेपी यूनिटी वेलफेयर एसोसिएशन के डॉ. इंद्रमणि उपाध्याय, डॉ. प्रकाश, डॉ. रवींद्र ओझा, डॉ. अमित श्रीवास्तव और डॉ. राजेन्द्र पांडेय द्वारा निःशुल्क टेलिफोनिक परामर्श दिया जा रहा है।
यह हैं मोबाइल नम्बर
उपरोक्त चिकित्सकों ने परामर्श के लिए अपने नम्बर जारी किए हैं। जिनमें डॉ इंद्रमणि उपाध्याय से 09990850684, डॉ. प्रकाश से 09450885853, डॉ. राजेन्द्र से 08750135203 और डॉ. अमित से 08840012216 पर सम्पर्क किया जा सकता है।