नौ महीने तक कोविड-19 महामारी की वजह से बंद रहने के बाद बिहार के सभी स्कूल, सरकारी और निजी आज फिर से खुल गए हैं. बिहार सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार रोजाना कक्षा में केवल 50 फीसदी बच्चों की उपस्थिति ही होगी.
मिलर स्कूल में नौवीं से बारहवीं कक्षा में पढ़ाई शुरू हो चुकी है हालांकि तकरीबन हर कक्षा में 50 फ़ीसदी बच्चों की उपस्थिति नहीं है. हर कक्षा में बच्चों के साथ साथ शिक्षकों ने भी मास्क लगाकर रखा था.
मिलर स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. आजाद चंद्रशेखर प्रसाद चौरसिया ने बताया कि उन्होंने बिहार सरकार के निर्देशानुसार स्कूल में सभी प्रकार के इंतजाम किए हैं जिसमें मास्क और सैनिटाइजर मौजूद है. डॉ. चौरसिया ने बताया कि क्योंकि कोरोला काल में में स्कूल खुलने का आज पहला दिन था इसीलिए बहुत सारे अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने में हिचकिचाहट दिखाई है.
उन्होंने बताया कि जैसे जैसे बच्चे स्कूल में आते जाएंगे वैसे-वैसे अन्य अभिभावकों का भी हौसला बढ़ेगा और क्लास में बच्चों की उपस्थिति बढ़ेगी. मिलर स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. आजाद चंद्रशेखर प्रसाद चौरसिया ने कहा कि मैं उत्साहित हूं कि पहले दिन इतने सारे बच्चे स्कूल आए हैं.
हालांकि अभी छात्रों की संख्या काफी कम है मगर मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और ज्यादा बच्चे स्कूल आएंगे. बिहार सरकार ने जो दिशा निर्देश जारी की है उनका स्कूल में पूरी तरीके से पालन किया जा रहा है.
नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र गोलू कुमार ने कहा कि वह दोबारा से स्कूल आकर काफी खुश है. गोलू कुमार ने बताया कि स्कूल बंद रहने के दौरान ऑनलाइन क्लास होती थी मगर बहुत ज्यादा उसे कुछ समझ में नहीं आता था. इस वजह से अब स्कूल खुल जाने से वह ज्यादा पसंद है.
नौवीं कक्षा के छात्र गोलू कुमार ने कहा कि कोरोना की वजह से जब स्कूल बंद थे तो ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जाती थी मगर हमें बहुत ज्यादा समझ में नहीं आता था. अब स्कूल आकर पढ़ाई कर रहा हूं और चीजें भी ज्यादा समझ में आ रही है. मन में कोरोना को लेकर थोड़ा डर जरूर है मगर हम नियमों का पूरा पालन कर रहे हैं.