अमर भारती : आज के समय में गलत तरीके से काम करने की कोई सीमा नहीं है और कुछ ऐसा ही राजधानी दिल्ली के मोतीनगर इलाके में सामने आया जहां पर कि एक फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर चला रहे ठगों ने सरकार को भी करीब एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है।
दरअसल पुलिस की जांच के दौरान पता चला है कि आरोपी वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल कॉल इंटरनेट के जरिये अपना काम करते थे। वे जिस नंबर से फोन करते, वह कनाडा का होता था। इस तरह की सुविधा लेने के लिए सरकार से लाइसेंस लेना जरूरी है, जिसके लिए मोटी फीस भी देनी होती है।
हालांकि इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि ठग बिना किसी अनुमति के ये गतिविधियां चला रहे थे। दूरसंचार विभाग की टीम की जांच में इस बात का पता चला कि आरोपी से वीओआईपी कॉल की प्रक्रिया में कानूनी गेटवे को दरकिनार कर रहे थे। इससे सरकार को आर्थिक नुकसान हो रहा था।
सूत्रो के मुताबिक, ठगों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार से अनधिकृत वीओआईपी खरीदे थे। इसके कारण भारतीय सरकार को काफी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इससे आरोपियों ने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1985 का भी उल्लंघन किया है। अधिकारी पूरी जांच होने के बाद ही नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट देंगे। जानकारी के अनुसार आरोपियों ने भारत सरकार को करीब 1 हजार करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है।