मीडिया की आज़ादी की चिंता को लेकर मद्रास हाई कोर्ट ने नए आईटी क़ानूनों के प्रावधानों पर लगाई रोक

बंबई हाईकोर्ट के बाद मद्रास हाई कोर्ट ने भी लिया कुुछ प्रावधानों पर रोक लगाने का फैसला

नई दिल्ली। बीते कुछ समय से भारत में मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर कई सवालों के बीच घिरी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की प्रक्रिया तेज़ हो चली है। जिसका असर भी कई बार देखने को मिलता रहा है। बीती फरवरी के पूर्व में लागू किए गए नए सूचना प्रौद्दोगिकी (आईटी) क़ानून में सरकारी प्रक्रिया (ओवरसाईट मैकेनिज़म) से मीडिया पर नियंत्रण रखने के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने अहम फैसला लिया है। दरअसल मद्रास उच्च न्यायालय ने मीडिया की आज़ादी को सुरक्षित रखने की प्रक्रिया में सूचना प्रौद्योगिकी क़ानून 2021 की धारा 9 की उप धारा 1 और 3 पर फिलहाल रोक लगा दी है।

मीडिया को दिशा निर्देश मानने पर रोक

मद्रास हाई कोर्ट द्वारा रोक लगाए गए इन प्रावधानों में कहा गया है कि मीडिया को प्रेस काउंसिल के दिशा निर्देश और टीवी चैनलों को उनकी संस्था के दिशा निर्देशों को मानना होगा। साथ ही बताना होगा कि इसके पहले बंबई हाई कोर्ट ने 16 अगस्त को एक आदेश में इस क़ानून के उन प्रावधानों पर रोक लगा दी थी जिससे मीडिया को नियंत्रित किया जा सकता है।

संगीतकार टी एम कृष्णा ने दायर की थी याचिका

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और जस्टिस पीडी आदिकेशवालू की पीठ ने संगीतकार टीएम कृष्णा और डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर अंतरिम आदेश जारी किया। इस एसोसिएशन में तमिलनाडु के 13 मीडिया आउटलेट शामिल हैं। याचिका में आइटी रूल्स की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है।

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